Mahua Moitra News / महुआ मोइत्रा को अल्टीमेटम- अगर अब बंगला नहीं किया खाली तो जबरन...

टीएमसी सांसद को महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके लिए उन्हें एक और नोटिस भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है कि अगर वो बंगला खाली नहीं करती तो उनके खिलाफ ताकत का इस्तेमाल किया गया जाएगा और जबरन बंगला खाली करवाया जाएगा. बता दें कि संसद से निलंबन के बाद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने की कई नोटिस मिल चुकी है.

Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2024, 11:30 AM
Mahua Moitra News: टीएमसी सांसद को महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके लिए उन्हें एक और नोटिस भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है कि अगर वो बंगला खाली नहीं करती तो उनके खिलाफ ताकत का इस्तेमाल किया गया जाएगा और जबरन बंगला खाली करवाया जाएगा. बता दें कि संसद से निलंबन के बाद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने की कई नोटिस मिल चुकी है.

इसके बावजूद वो सरकारी बंगला खाली नहीं कर रही हैं. नोटिस के मुताबिक, संसद सदस्यता छिनने के बाद अब वे इस बंगले की पात्र नहीं रहीं इसलिए उन्हें 9B टेलीग्राफ लेन का टाइप 5 बंगला खाली करना होगा. नियम के मुताबिक, बंगला खाली करने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया था. हालांकि, इस बीच उन्होंने कोर्ट का भी सहारा लिया था लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली.

सरकारी बंगला तुरंत खाली कर दें महुआ

नोटिस में कहा गया है कि महुआ सरकारी बंगला तुरंत खाली कर दें. बता दें कि सदस्यता जाने के बाद एक महीने के समय की सीमा खत्म होने के बाद 7 जनवरी को आवंटन रद्द कर दिया गया था. महुआ मोईत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के कई नोटिस दिए जा चुके हैं. वहीं, ताजा नोटिस में कहा गया है कि अगर अब बंगला खाली नहीं किया तो उनको वहां से बेदखल कर दिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो इसके लिए ताकत का इस्तेमाल भी किया जाएगा. Directorate of Estates ने उन्हें यह नोटिस भेजा है.

सरकारी बंगला कब तक करना होता है खाली ?

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को टेलीग्राफ लेन पर सरकारी बंगला मिला था. कानून के हिसाब से संसद सदस्यता जाने के एक महीना तक ही सांसद सरकारी आवास रख सकते हैं. इसके बाद उन्हें बंगला खाली करना पड़ता है. संशोधित अधिनियम के मुताबिक, संपदा अधिकारी सरकारी आवास से अनधिकृत लोगों की बेदखली से पहले 3 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है. इससे पहले यह अवधि 60 दिन की थी. संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले में दोषी पाए जाने पर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता चली गई थी.