ABP News : Aug 31, 2020, 10:27 PM
नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को 5 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने आज अवमानना मामले में माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। अगली तारीख को सज़ा पर बहस होगी। इसमें दोषी की उपस्थिति ज़रूरी होती है। कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से माल्या की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कहा है।मामला सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से जुड़ा है। कोर्ट ने 9 मई 2017 को माल्या को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया था। इसके बाद माल्या ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिसे लंबे समय तक जजों के सामने नहीं रखा गया था। आखिरकार कोर्ट ने इस पर सुनवाई की और अर्ज़ी को खारिज कर दिया।पुराने आदेश में कोर्ट ने सज़ा पर बहस के लिए माल्या को 10 जुलाई 2017 को पेश होने के लिए कहा था। अब पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर सज़ा पर विचार के लिए नई तारीख तय की है। इसके हिसाब से उसे 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे जजों के सामने पेश होना है।देश से फरार होने के बाद माल्या लंदन में बैठा है, उसके प्रत्यर्पण का मामला अभी भी ब्रिटेन की सरकार के पास अटका है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में उसे पेश करना सरकार के लिए चुनौती है। अगर अगली तारीख तक माल्या का प्रत्यर्पण नहीं होता है, तो केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से तारीख टालने की गुहार करनी होगी।