Bollywood / स्वरा भास्कर ने आज के मॉडर्न डे और राजनीति पर पढ़ी कविता

स्वरा भास्कर हिंदी स्टूडियो का हिस्सा बनी जो एक डिजिटल प्लेटफार्म है। जहां हिंदी साहित्य से जुडी कविता,कहानी और कलाकारों की बात की जाती है। जिसका हिस्सा कई बॉलीवुड के सेलिब्रिटीज भी बन चुके हैं। ऐसे में अबकी बार स्वरा भास्कर भी इस स्टूडियों का हिस्सा बनती नजर आई और स्वरा ने 1981 में लिखी पोलैंड की नोबेल पुरस्कार विजेता कवियत्री 'विस्लावा सिम्बोस्का' की कविता 'टर्न आॅफ द् सेंचुरी' के हिंदी परिभाषित कविता 'इस सदी में'

Vikrant Shekhawat : Sep 23, 2020, 07:47 PM
न्यूज हैल्पलाइन . मुम्बई | स्वरा भास्कर हिंदी स्टूडियो का हिस्सा बनी जो एक डिजिटल प्लेटफार्म है।  जहां हिंदी साहित्य से जुडी कविता,कहानी और कलाकारों की बात की जाती है। जिसका हिस्सा कई बॉलीवुड के सेलिब्रिटीज भी बन चुके हैं। ऐसे में अबकी बार स्वरा भास्कर भी इस स्टूडियों का हिस्सा बनती नजर आई और स्वरा ने 1981 में लिखी पोलैंड की नोबेल पुरस्कार विजेता कवियत्री 'विस्लावा सिम्बोस्का' की कविता 'टर्न आॅफ द् सेंचुरी' के हिंदी परिभाषित कविता 'इस सदी में' को पढ़ा।

स्वरा ने ब्लैंक एंड व्हाइट आईजीटीवी विडियो को शेयर किया। जिसमें स्वरा ने पहली बार इस कविता को पढ़कर कवियत्री विस्लावा सिम्बोस्का के बारे में जाना। जिन्होंने 1981 में यह कविता पोलैंड में मार्शल आर्ट्स' स्थापित करने पर लिखी गई थी। और स्वरा ने इस कविता को आज के दौर से मेल खाने की बात कहते हुए इस कविता शेयर किया।

इस कविता में यह बताया गया है कि, किस तरह एक सदी में आनेवाले समय को बदलने की बात होती हैं पर वह बदलता नहीं सब वही का वही रह जाता हैं। और आज के जमाने में सभी तकातवर अच्छे नहीं होते और सभी अच्छे ताकतवर नहीं होते!!' इस तरह बताया गया हैं।

स्वरा ने इस कविता को शेयर कर कैप्शन में लिखा,' मैंने आज तक इतनी ताकतवर और अपने दौर को कलंकित कर रहें दौर के बारे में बताते हुए और समाज को उजागर करती कविता को नहीं पढ़ी। महात्मा गांधी जी के 150 वें जन्मदिन पर इससे अधिक संक्षिप्त कविता आज के इस मॉडर्न डे और राजनीति को नहीं बंया कर सकती।' इसके साथ ही स्वरा ने पौलेंड भाषा में लिखी इस कविता का नाम ना पता होने के लिए माफी मांगी।

इसे शेयर करते हुए स्वरा ने आगे लिखा, 'बुरा हैं पर अब भी यह हकीकत हैं।'