Live Hindustan : Jul 21, 2020, 08:13 PM
बॉलीवुड डेस्क | बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने स्वरा भास्कर पर जमकर निशाना साधा है। एक इंटरव्यू में कंगना ने स्वरा को चापलूस तक कह दिया, जो बात स्वरा को बिलकुल भी पसंद नहीं आई। अब स्वरा ने ट्वीट करते हुए कंगना रनौत को करारा जवाब दिया है। स्वरा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''1955 में ‘पाथेर पांचाली’ के साथ कंगनाजी ने parallel cinema चलाया, 2013 में क्वीन फिल्म के साथ फेमिनिज्म शुरू किया, पर इन सबसे पहले 1947 में उन्होंने भारत को आजादी दिलवाई थी, कहत एक अज्ञात चापलूस जरूरतमंद, आउटसाइडर, चापलूसी का फल (आम) खाते और उंगलियां चाटते हुए।''इसके जवाब में कंगना ने लिखा, ''सिनेमा के सुनहरे दौर के समय स्वरा या फिर कोई और पैदा नहीं हुआ था। गैंगस्टर माफियाओं और डॉन्स ने इंडस्ट्री पर कब्जा कर लिया था। 2014 में क्वीन के आने के बाद पैरेलल सिनेमा सामने आया। अगर हम गलत हैं तो हमें सही करें, बताएं क्या हुआ था?'' इसके बाद स्वरा भास्कर ने लगातार ट्वीट कर कंगना रनौत पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि कंगनाजी और उनकी टीम 1955 में सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' को पैरेलल सिनमा का आगाज माना जाता है। उनके साथ मृणाल सेन और ऋत्विक घटक इस सिनमा के पैरेंट्स माने जाते हैं। 70 के दशक में न्यू वेव सिनमा आया (मणि कौल, कुमार शाहणी, सईद मिर्जा, श्याम बेनेगल, कुंदन शाह अन्य) साथ-साथ मध्य सिनेमा में साई परांजपे जी इत्यादि। फारुक शेख सर, दीप्ति नवल जी, अमोल पालेकर साहब यादगार चेहरे हैं। 2000 के बाद के बदलते बॉलीवुड सिनमा में मैं पीपली लाइव, भेजा फ्राई, खोसला का घोंसला को पैरेलल स्पेस में मानती हूं। क्वीन (2013) मेरे लिए मेन्स्ट्रीम फिल्म थी।उन्होंने आगे लिखा, ''तनु वेड्स मनु के साथ आपने, आनंद राय और हिमांशु शर्मा ने कॉमर्शियल मेनस्ट्रीम बॉलीवुड को एक नया रूप दिया।क्वीन पैरेलल सिनमा नहीं। रही बात फेमिनिस्ट फिल्मों की तो इंग्लिश विंगलिश (2012), क्वीन से पहले आई थी। श्रीदेवीजी और गौरी शिंदे को श्रेय मिलना चाहिए।''