Vikrant Shekhawat : Jan 27, 2024, 12:38 PM
Bihar Politics: बिहार में सियासी उठापटक जारी है, सभी राजनीतिक पार्टियां मोर्चाबंदी में जुटी है। जेडीयू से लेकर आरजेडी और कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक सियासी हालात पर मंथन में जुटी है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बक्सर पहुंच गए हैं जबकि डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बक्सर प्रोग्राम से दूरी बना ली है। वे बक्सर नहीं पहुंचे हैं जबकि गेस्ट लिस्ट में तेजस्वी यादव का भी नाम है।आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने इससे पहले कल राजभवन में आयोजित कार्यक्रम से भी दूरी बना ली थी। तेजस्वी यादव गवर्नर के प्रोग्राम में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी कुर्सी पर जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी बैठे थे और अब तेजस्वी यादव बक्सर नहीं जा रहे हैं।महागठबंधन से नीतीश का मोहभंग?
बिहार में इस सियासी उलटफेर के संकेत शुक्रवार को रिपब्लिक डे समारोह के दौरान ही मिलने लगे थे क्योंकि आमतौर पर नीतीश के बगल में बैठने वाले तेजस्वी उनकी बगल कुर्सी को छोड़कर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के बगल में बैठे नजर आए। फिर शाम को राज्यपाल के यहां कार्यक्रम में तो नीतीश कुमार और बीजेपी नेता तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस प्रोग्राम में भी तेजस्वी की कुर्सी नीतीश के बगल में लगी थी।जब तेजस्वी नहीं पहुंचे तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बुलाया। अशोक चौधरी ने भी बिना देरी किए डिप्टी सीएम के लिए रखी गई कुर्सी से तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई और उसी कुर्सी पर बैठ गए।नीतीश ने लालू का फोन कॉल उठाना किया बंदवहीं, स्पीकर की खाली कुर्सी पर विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को बैठाया गया। गवर्नर की टी पार्टी की ये तस्वीर आज की बिहार की सियासी हालात को बताने के लिए सबसे सटीक तस्वीर बन गई है। अब इन तल्खियों के बाद बिहार में महागठबंधन का टूटना तय है। चाचा नीतीश कुमार ने भतीजे तेजस्वी की परवाह तो छोड़ ही दी है। खबर ये है कि अब बड़े भाई लालू का भी फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं। इन डेवलपमेंट्स के बीच दिल्ली से पटना तक बैठकों का दौर आज भी जारी रहने वाला है।
बिहार में इस सियासी उलटफेर के संकेत शुक्रवार को रिपब्लिक डे समारोह के दौरान ही मिलने लगे थे क्योंकि आमतौर पर नीतीश के बगल में बैठने वाले तेजस्वी उनकी बगल कुर्सी को छोड़कर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के बगल में बैठे नजर आए। फिर शाम को राज्यपाल के यहां कार्यक्रम में तो नीतीश कुमार और बीजेपी नेता तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस प्रोग्राम में भी तेजस्वी की कुर्सी नीतीश के बगल में लगी थी।जब तेजस्वी नहीं पहुंचे तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बुलाया। अशोक चौधरी ने भी बिना देरी किए डिप्टी सीएम के लिए रखी गई कुर्सी से तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई और उसी कुर्सी पर बैठ गए।नीतीश ने लालू का फोन कॉल उठाना किया बंदवहीं, स्पीकर की खाली कुर्सी पर विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को बैठाया गया। गवर्नर की टी पार्टी की ये तस्वीर आज की बिहार की सियासी हालात को बताने के लिए सबसे सटीक तस्वीर बन गई है। अब इन तल्खियों के बाद बिहार में महागठबंधन का टूटना तय है। चाचा नीतीश कुमार ने भतीजे तेजस्वी की परवाह तो छोड़ ही दी है। खबर ये है कि अब बड़े भाई लालू का भी फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं। इन डेवलपमेंट्स के बीच दिल्ली से पटना तक बैठकों का दौर आज भी जारी रहने वाला है।