Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2022, 08:18 AM
दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) से बने 19 चिह्नित उत्पादों पर लागू रोक को अमल में लाने के लिए एक जुलाई से अभियान चलाएगा। विभाग इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले सभी मैन्युफैक्चरर्स, सप्लायर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स एवं विक्रेताओं पर कार्रवाई करेगा। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) से बनने वाले उत्पादों के विनिर्माण से जुड़े पक्षों को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं। इनके अलावा स्टॉक रखने वालों, आपूर्तिकर्ताओं एवं वितरकों को भी इन उत्पादों के कारोबार से दूर रहने को कहा गया है। इसका उल्लंघन करने वाली कंपनियों को जुलाई के पहले सप्ताह में चलाए जाने वाले अभियान में बंद कर दिया जाएगा।
सिंगल यूज वाले प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों को इस पाबंदी के दायरे में रखा गया है। इनमें गुब्बारों, झंडों, कैंडी, आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, थर्माकॉल से बनी प्लेट, कप, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच, कांटे, चाकू, तश्तरी के अलावा मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म और 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर भी शामिल हैं।अधिकारी ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें एवं स्टॉकिस्ट का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी।अधिकारी ने कहा कि अवैध रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाली इकाइयों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों और पुनर्विकास क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 30 जून तक मौजूदा स्टॉक को हटा लेने को कहा है। उसके बाद एक जुलाई से सघन अभियान चलाया जाएगा। DPCC ने श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च को शहर में कूड़े के हॉटस्पॉट की पहचान करने और प्लास्टिक कचरे के उत्पादन की मात्रा निर्धारित करने के लिए एक सर्वे करने को कहा है क्योंकि यह 19 सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए 30 जून की समय सीमा के करीब है। एक अधिकारी ने कहा कि सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों को कवर करेगा और इसे चार महीने के भीतर पूरा करना होगा।संस्थान को सभी प्रसिद्ध, प्रमुख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल, बाजार स्थानों, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा घरों, रेस्तरां, पर्यटन स्थलों, पूजा स्थलों, कॉलेजों, स्कूलों, कार्यालय परिसरों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों का सर्वेक्षण करने का काम सौंपा गया है।अधिकारी ने कहा कि सरकार एसयूपी वस्तुओं के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए एक जुलाई से तीन दिवसीय मेले का आयोजन करेगी।
सिंगल यूज वाले प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों को इस पाबंदी के दायरे में रखा गया है। इनमें गुब्बारों, झंडों, कैंडी, आइसक्रीम में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, थर्माकॉल से बनी प्लेट, कप, गिलास, प्लास्टिक के चम्मच, कांटे, चाकू, तश्तरी के अलावा मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्र और सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म और 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर भी शामिल हैं।अधिकारी ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें एवं स्टॉकिस्ट का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी।अधिकारी ने कहा कि अवैध रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाली इकाइयों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों और पुनर्विकास क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 30 जून तक मौजूदा स्टॉक को हटा लेने को कहा है। उसके बाद एक जुलाई से सघन अभियान चलाया जाएगा। DPCC ने श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च को शहर में कूड़े के हॉटस्पॉट की पहचान करने और प्लास्टिक कचरे के उत्पादन की मात्रा निर्धारित करने के लिए एक सर्वे करने को कहा है क्योंकि यह 19 सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए 30 जून की समय सीमा के करीब है। एक अधिकारी ने कहा कि सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों को कवर करेगा और इसे चार महीने के भीतर पूरा करना होगा।संस्थान को सभी प्रसिद्ध, प्रमुख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल, बाजार स्थानों, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा घरों, रेस्तरां, पर्यटन स्थलों, पूजा स्थलों, कॉलेजों, स्कूलों, कार्यालय परिसरों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों का सर्वेक्षण करने का काम सौंपा गया है।अधिकारी ने कहा कि सरकार एसयूपी वस्तुओं के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए एक जुलाई से तीन दिवसीय मेले का आयोजन करेगी।