Dainik Bhaskar : Oct 04, 2019, 01:29 PM
लाइफस्टाइल डेस्क | बच्चों के विकास में परिवार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है बच्चा जिस वातावरण में रहता है उसी तरह की बातों और व्यवहार को सीखता है पर ऐसा कई बार देखा है कि जाने अनजाने पेरेंट्स की गलतियों का बच्चे के मन पर बुरा असर पड़ता है जिसमें सबसे प्रमुख है माता-पिता का आपस में तालमेल न होना और भाषा के स्तर पर कोई संतुलन न होने से घर में तनाव रहता है। बच्चों के लिए घर का माहौल कैसा हो बता रही हैं चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट एवं पेरेंटिंग एक्सपर्ट नम्रता सिंह...
क्या क्या करते है पेरेंट्स?पेरेंट्स एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते, बच्चेके सामने ही लड़ाई झगड़ेकरते हैं। झगड़े में भाषा का स्तर बहुत ज्यादा खराब हो जाता है और कभी-कभी एक दूसरे को अपशब्द भी कह देते हैं। ज्यादातर एक- दूसरे के परिवारों और माता-पिताको लेकर गलत कमेंट्स करते हैं, कभी-कभी अलग रहने या तलाक लेने जैसी बातें भी बच्चेके सामने करते हैं।क्या होता है बच्चों पर असर?बच्चों में ऐसी परिस्थिति में गुस्सा करने की भावना बढ़ जाती है बच्चे आक्रामक व्यवहार करने लगते हैं। साधारण बात को भी चिल्लाकर करते हैं। ऊंची आवाज में बात करते हैं। कई बार बच्चे गुस्से में पेरेंट्स पर हाथ भी उठा देते हैं। शुरुआत में बच्चे पेरेंट्स की लड़ाई में किसी की तरफ नहीं होते पर जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं। वो किसी एक का पक्ष लेकर लड़ाई में शामिल हो जाते हैं। बच्चेकी पढ़ाई में रुचि कम होने लगती है एग्जाम में नंबर कम आने लगते हैं और कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बच्चे स्कूल जाने से या तो मना करते है या स्कूल जाना ही बंद कर देते हैं और घर पर रहकर दिन भर मोबाइल या गेम खेलते रहते हैं। कुछ बच्चे डिप्रेशन में भी आ जाता है। नए लोगो से मिलने में असहज होते हैं। छोटी-छोटी बातों पर बहुत जल्दी दुखी हो जाते हैं।क्या करना चाहिए?पेरेंट्स आपसी मतभेदों पर बच्चों से अलग बात करें। बच्चे को पेरेंट्स अपनी बातों को बताकर उनकी सहानूभूति लेने की कोशिश न करें, पेरेंट्स एक-दूसरे का सम्मान करें और बच्चे को सम्मान करना सिखाएं। अगर बच्चे में बताया गया कोई भी व्यवहार दिखाई पड़े तो सजग हो जाएं। और अपने पर नियंत्रण करें और अगर इसके बाद भी बच्चे में कोई बदलाव न दिखे तो किसी अच्छेकाउंसलर से मिलकर फैमिली काउंसलिंग कराएं।
क्या क्या करते है पेरेंट्स?पेरेंट्स एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते, बच्चेके सामने ही लड़ाई झगड़ेकरते हैं। झगड़े में भाषा का स्तर बहुत ज्यादा खराब हो जाता है और कभी-कभी एक दूसरे को अपशब्द भी कह देते हैं। ज्यादातर एक- दूसरे के परिवारों और माता-पिताको लेकर गलत कमेंट्स करते हैं, कभी-कभी अलग रहने या तलाक लेने जैसी बातें भी बच्चेके सामने करते हैं।क्या होता है बच्चों पर असर?बच्चों में ऐसी परिस्थिति में गुस्सा करने की भावना बढ़ जाती है बच्चे आक्रामक व्यवहार करने लगते हैं। साधारण बात को भी चिल्लाकर करते हैं। ऊंची आवाज में बात करते हैं। कई बार बच्चे गुस्से में पेरेंट्स पर हाथ भी उठा देते हैं। शुरुआत में बच्चे पेरेंट्स की लड़ाई में किसी की तरफ नहीं होते पर जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं। वो किसी एक का पक्ष लेकर लड़ाई में शामिल हो जाते हैं। बच्चेकी पढ़ाई में रुचि कम होने लगती है एग्जाम में नंबर कम आने लगते हैं और कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बच्चे स्कूल जाने से या तो मना करते है या स्कूल जाना ही बंद कर देते हैं और घर पर रहकर दिन भर मोबाइल या गेम खेलते रहते हैं। कुछ बच्चे डिप्रेशन में भी आ जाता है। नए लोगो से मिलने में असहज होते हैं। छोटी-छोटी बातों पर बहुत जल्दी दुखी हो जाते हैं।क्या करना चाहिए?पेरेंट्स आपसी मतभेदों पर बच्चों से अलग बात करें। बच्चे को पेरेंट्स अपनी बातों को बताकर उनकी सहानूभूति लेने की कोशिश न करें, पेरेंट्स एक-दूसरे का सम्मान करें और बच्चे को सम्मान करना सिखाएं। अगर बच्चे में बताया गया कोई भी व्यवहार दिखाई पड़े तो सजग हो जाएं। और अपने पर नियंत्रण करें और अगर इसके बाद भी बच्चे में कोई बदलाव न दिखे तो किसी अच्छेकाउंसलर से मिलकर फैमिली काउंसलिंग कराएं।