Vikrant Shekhawat : Jun 30, 2024, 07:42 AM
SSY Interest Rate: पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम में इनवेस्ट करने वाले निवेशकों को एक बार फिर झटका लगा है. सरकार की तरफ से पीपीएफ (PPF) और दूसरी बचत योजनाओं पर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया. 1 जुलाई, 2024 से शुरू होने वाली तिमाही के लिए अलग-अलग स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर को पुराने स्तर पर बरकरार रखा गया है. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा ‘वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (एक जुलाई से 30 सितंबर 2024 तक) के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरें पहली तिमाही (1 मार्च से 30 जून 2024 तक) के लिए अधिसूचित दरों के समान ही रहेंगी.’SSY पर पहले की तरह 8.2 प्रतिशत का ब्याज मिलता रहेगानोटिफिकेशन के अनुसार सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के तहत पहले की ही तरह जमा पर 8.2 प्रतिशत का ब्याज मिलता रहेगा. इसके अलावा तीन साल की एफडी पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत रहेगी. पीपीएफ और पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम की ब्याज दरें भी 7.1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत पर बरकरार रहेंगी. किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी और यह निवेश 115 महीनों में मैच्योर होगा. जुलाई-सितंबर 2024 की अवधि के लिए नेशन सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर ब्याज दर 7.7 प्रतिशत रहेगी.हर तिमाही ब्याज दर की समीक्षा की जाती हैसितंबर तिमाही में भी पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम के निवेशकों को पहले की तरह 7.4 प्रतिशत ब्याज देगी. सरकार हर तिमाही में डाकघरों और बैंकों की तरफ से संचालित स्मॉल सेविंग स्कीम के लिए ब्याज दर को नोटिफाई करती है. मीडिया रिपोर्ट में यह उम्मीद की जा रही थी कि इस बार सरकार बजट से पहले मिडिल क्लॉस को राहत देते हुए स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर में इजाफा कर सकती है. इससे पहले अप्रैल से जून तिमाही के दौरान भी ब्याज दर को पूर्ववत स्तर पर ही कायम रखा गया था.चार साल से नहीं बदली पीपीएफ की ब्याज दरवित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही के लिए सरकार ने दो योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव किया था. उस समय सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की ब्याज दर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.20 प्रतिशत किया गया था. इसके अलावा तीन साल की एफडी पर ब्याज दर को 7.1 प्रतिशत कर दिया गया था. लेकिन पीपीएफ की ब्याज दर पिछले चार साल से एक ही स्तर पर कायम हैं. पीपीएफ की ब्याज दर में आखिरी बार अप्रैल-जून 2020 में बदलाव किया गया था. कोरोना महामारी के समय इसे 7.9 से कम करके 7.1 प्रतिशत कर दिया गया था.