Petrol-Diesel Price / सरकार का आ गया पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर जवाब, जानिए कब होगा सस्ता?

ईरान और इजराइल के संघर्ष के बीच भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावनाएं कम हो गई हैं। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से तेल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2024, 08:40 AM
Petrol-Diesel Price: हाल के समय में पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष के बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से उछाल देखने को मिला है, जिसका सीधा असर वैश्विक स्तर पर हो रहा है। ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाड़ी देशों का कच्चा तेल 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुका है, जबकि पिछले महीने यह 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे था। इस बढ़ते संकट के बीच भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस संबंध में देश के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बयान सामने आया है।

सरकार की नजर बनी हुई है

भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर भारत की सरकार सतर्क है और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, जो कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश है, किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

पुरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि फिलहाल तेल की कोई कमी नहीं है और भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कच्चे तेल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी के बावजूद देश में आपूर्ति के संदर्भ में कोई तत्काल खतरा नहीं है। हालांकि, पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ने पर स्थिति बदल सकती है और तब ऊर्जा की उपलब्धता पर भी असर पड़ सकता है।

इजराइल और होर्मुज पर संभावित संकट

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष के संदर्भ में सबसे बड़ी चिंता होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर है। होर्मुज जलडमरूमध्य, जो फारस की खाड़ी और अरब सागर के बीच स्थित है, दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक है। वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से गुजरता है। यदि ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है, जिससे तेल की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।

पेट्रोल और डीजल के दाम कब होंगे सस्ते?

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की संभावनाओं पर पूछे गए सवाल के जवाब में, पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने कहा कि भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बाजार आधारित हैं। इसका मतलब है कि पेट्रोलियम कंपनियां कीमतों का निर्धारण करती हैं और सरकार का इसमें सीधा हस्तक्षेप नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल हालात गंभीर हैं, लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि स्थिति और न बिगड़े।

हालांकि, कुछ समय पहले तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वैश्विक बाजार में हालिया उछाल ने इस पर अंकुश लगा दिया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हाल ही में कहा था कि अगर तेल की कीमतों में स्थिरता आती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती संभव हो सकती है।

निष्कर्ष

पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात ने वैश्विक तेल बाजारों पर असर डाला है और इसका प्रभाव भारत जैसे तेल आयातक देशों पर भी पड़ रहा है। हालांकि, भारत सरकार और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह स्पष्ट किया है कि देश किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार है और वर्तमान में तेल की आपूर्ति को लेकर कोई समस्या नहीं है।