Viral News / चोरों के कटेंगे हाथ-पैर, समलैंगिकों को मिलेगी मौत, ऐसा होगा तालिबानी राज

अफगानिस्तान से करीब 20 साल बाद अमेरिकी सेना की वापसी हो रही है। इसके साथ ही इस देश पर तालिबान का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच एक तालिबानी जज का दावा है कि शरिया कानून लागू होने पर चोरों और समलैंगिक लोगों को दर्दनाक सजा दी जाएगी। 38 साल के तालिबानी जज रहीम ने जर्मन अखबार बाइल्ड के एक रिपोर्टर के साथ बातचीत में कुछ केसेस को लेकर बातचीत की।

Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2021, 06:53 AM
अफगानिस्तान से करीब 20 साल बाद अमेरिकी सेना की वापसी हो रही है। इसके साथ ही इस देश पर तालिबान का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच एक तालिबानी जज का दावा है कि शरिया कानून लागू होने पर चोरों और समलैंगिक लोगों को दर्दनाक सजा दी जाएगी।  38 साल के तालिबानी जज रहीम ने जर्मन अखबार बाइल्ड के एक रिपोर्टर के साथ बातचीत में कुछ केसेस को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक शख्स ने हमें बताया था कि उनके घर में चोरी हो गई है। इसके बाद हमने चोर के हाथ काटने के लिए कहा था।

रहीम ने आगे कहा कि मैंने इस रिंग के मालिक से ये भी पूछा था कि क्या इस चोर के पैर भी काट देने चाहिए चूंकि इसने ना केवल अगूंठी चुराई थी बल्कि घर में घुसने की कोशिश भी की थी। लेकिन इस व्यक्ति ने पैरों को काटने को लेकर मना कर दिया था।  

रहीम ने इसके अलावा एक और केस के बारे में बात की जिसमें उन्होंने बताया कि एक गैंग को किडनैपिंग और स्मगलिंग करते हुए पकड़ा गया था। रहीम ने कहा कि क्राइम के हिसाब से हम उंगलियों के काटने से शुरू करते हैं। इसके बाद हथेलियां, कोहनी और बाजुओं को काटा जाता है।

इसके अलावा रहीम से पूछा गया कि तालिबानी राज में समलैंगिक लोगों के साथ कैसा सलूक किया जाएगा और उन्हें क्या सजा दी जाएगी? इस पर रहीम का कहना था कि या तो उन्हें पत्थर से मार दिया जाएगा या फिर उन्हें एक 8 से 10 फीट लंबी दीवार के पीछे खड़ा किया जाएगा जो उनके ऊपर गिरे। 

गौरतलब है कि तालिबान के राज में महिलाओं के हालात बेहद खराब रहे हैं और यही कारण है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान का दबदबा देखते हुए कई महिलाएं इस देश को छोड़ने की तैयारी कर रही हैं। रहीम ने भी महिलाओं की चिंताओं को लेकर बहुत सकारात्मक नजरिया नहीं पेश किया है।

रहीम ने कहा कि महिलाओं को भी तालिबानी राज में घर से बाहर जाने की परमिशन होगी लेकिन इसके लिए उन्हें एक परमिट लेने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा महिलाएं स्कूल भी जा सकती हैं लेकिन तभी जब टीचर कोई महिला हो और वे हिजाब पहनें। 

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने सैनिकों की वापसी के लिए 11 सितंबर की समयसीमा तय की थी लेकिन इससे पहले ही अमेरिकी सैनिक यहां से निकलने लगे हैं। तालिबान ने नौ जुलाई को रूस की राजधानी मॉस्को में दावा किया था कि अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पर अब तालिबान का कंट्रोल है।