News18 : Dec 18, 2019, 04:22 PM
नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने बुधवार को सायरस मिस्त्री के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें फिर से टाटा संस का चेयरमैन बनाया जाने का आदेश दिया है। साथ ही, ट्रिब्यूनल ने एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है। ट्रिब्यूनल ने सायरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को गलत ठहराया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस हारने के बाद मिस्त्री अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था। आपको बता दें कि सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था।
सायरस मिस्त्री को अचानक पद से हटा दिया था- सायरस मिस्त्री, जो टाटा संस के छठे चेयरमैन थे, को अक्टूबर 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में उनके पद से हटा दिया गया था। रतन टाटा के सेवानिवृत्त होने के बाद मिस्त्री ने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था। इसके बाद टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन बनाया गया।क्या है मामला- सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके दो महीने बाद मिस्त्री की ओर से उनके परिवार की दो इन्वेस्टमेंट कंपनियों- सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा संस के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी।इन कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था, लेकिन जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने दावे खारिज कर दिए। इसके बाद मिस्त्री ने खुद एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील की थी।
NCLAT restores Cyrus Mistry as Executive Chairman of Tata Group, holds that appointment of N. Chandrasekaran as executive Chairman is illegal#TataVsMistry pic.twitter.com/Io0u7hW3td
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) December 18, 2019
सायरस मिस्त्री को अचानक पद से हटा दिया था- सायरस मिस्त्री, जो टाटा संस के छठे चेयरमैन थे, को अक्टूबर 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में उनके पद से हटा दिया गया था। रतन टाटा के सेवानिवृत्त होने के बाद मिस्त्री ने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था। इसके बाद टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन बनाया गया।क्या है मामला- सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके दो महीने बाद मिस्त्री की ओर से उनके परिवार की दो इन्वेस्टमेंट कंपनियों- सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा संस के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी।इन कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था, लेकिन जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने दावे खारिज कर दिए। इसके बाद मिस्त्री ने खुद एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील की थी।