बिजनेस / टाटा संस ने ₹18,000 करोड़ में जीती एअर इंडिया की बोली

सरकार ने शुक्रवार को बताया कि टाटा संस ने स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को पछाड़कर एअर इंडिया की बोली जीत ली है। टाटा संस ने एअर इंडिया के लिए सितंबर में ₹18,000 करोड़ की बोली लगाई थी जबकि सिंह के कंसोर्टियम ने ₹15,100 करोड़ की। टाटा संस को एअर इंडिया की 100% हिस्सेदारी मिलेगी।

Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2021, 04:49 PM
नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर एयर इंडिया की कमान टाटा के हाथों में सौप दी गई है। एयर इंडिया के लिए टाटा ने करीब 18 हजार रुपए की बोली लगाई थी।मीडिया को संबोधित करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजी मारी है। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि लेनदेन दिसंबर 2021 के अंत तक बंद होने की उम्मीद है।

टाटा को क्या-क्या मिलेगा: सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा। आपको यहां बता दें कि एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाओं को उपलब्ध कराती है। विनिवेश नियमों के मुताबिक टाटा को एयर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी मिलेगी। वहीं, पार्किंग आवंटनों का नियंत्रण दिया जाएगा।

करीब 70 साल बाद फिर टाटा के पास: सरकारी विमान कंपनी एयरइंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास गई है। दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइन कहा जाता था। हालांकि, एयर इंडिया का 1953 में राष्ट्रीयकरण किया गया था। इसके बाद कंपनी में सरकार का 100 प्रतिशत स्वामित्व था। हालांकि, कर्ज का बोझ बढ़ने की वजह से सरकार ने साल 2017 में पहली बार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की कोशिश शुरू की।

इस बार सरकार 75 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। हालांकि, ये संभव नहीं हो सका। इसके बाद विनिवेश के नियमों में तमाम रियायतें दी गईं और सरकार अपना पूर्ण स्वामित्व बेचने को तैयार हो गई। एयर इंडिया की बोली लगाने में रुचि दिखाने वालों को आवेदन जमा करने लिए कई डेडलाइन दी गई। आखिरी डेडलाइन 15 सितंबर थी। इस दिन तक एयर इंडिया को खरीदने वालों में मुख्य तौर पर टाटा संस और स्पाइसजेट ने दिलचस्पी दिखाई। अब एयर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप की टाटा संस के हाथों में चली गई है।

आसमान में टाटा की उड़ान: इसी के साथ आसमान में टाटा ग्रुप का वर्चस्व बढ़ गया है। टाटा ग्रुप के मालिकाना हक वाली दो अन्य कंपनियां विस्तारा और एयर एशिया भी एविएशन सेक्टर में सक्रिय हैं। अब टाटा समूह के पास कुल तीन कंपनियां ऐसी हैं जिनकी एयरलाइन है।

रतन टाटा ने यूं किया स्वागत: एयर इंडिया की कमान मिलने के साथ ही रतन टाटा ने ट्वीट कर स्वागत किया है। उन्होंने लिखा- वेलकम बैक, एयर इंडिया। इसके साथ ही रतन टाटा ने एक तस्वीर भी शेयर की है।