Share Market News / जैसे ही ट्रंप ने किया टैरिफ ऐलान, भारत के बाजार को हुआ 3.27 लाख करोड़ का नुकसान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगा दिया, जिससे शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 450 अंक और निफ्टी 180 अंक टूटा। आईटी और बैंकिंग शेयरों में गिरावट रही, जिससे निवेशकों को 3.27 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। हालांकि, विशेषज्ञों को असर सीमित रहने की उम्मीद है।

Share Market News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व के विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ का प्रभाव भारत पर विशेष रूप से देखा जा रहा है। भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है, जो कि दुनिया के 140 से अधिक देशों की तुलना में अधिक है। इस घोषणा के बाद भारत के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई।

शेयर बाजार में गिरावट

अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल मच गई। बाजार खुलते ही सेंसेक्स 450 अंकों तक गिर गया, जबकि निफ्टी में भी 180 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई। एमके की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत पर 25% टैरिफ लगाया जाता तो देश को 31 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता था, लेकिन अब यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

आईटी और बैंकिंग शेयरों पर प्रभाव

इस टैरिफ का सबसे अधिक प्रभाव आईटी और बैंकिंग शेयरों पर देखा गया। प्रमुख आईटी कंपनियों जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इंफोसिस के शेयरों में क्रमशः 2.40% और 2.28% की गिरावट देखी गई। इसके अलावा, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा के शेयरों में भी 2% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

बैंकिंग क्षेत्र भी इस प्रभाव से अछूता नहीं रहा। टाटा मोटर्स और अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल के शेयर भी करीब 1% तक गिर गए।

निवेशकों को भारी नुकसान

शेयर बाजार में आई गिरावट का असर सीधे निवेशकों पर पड़ा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के कुल बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई। एक दिन पहले बाजार बंद होते समय बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण 4,12,98,095.60 करोड़ रुपये था, जो गुरुवार सुबह बाजार खुलते ही 4,09,71,009.57 करोड़ रुपये रह गया। इस प्रकार, निवेशकों को महज कुछ ही मिनटों में 3,27,086.03 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

भविष्य की संभावनाएं

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है और बाजार जल्द ही स्थिर हो सकता है। हालांकि, भारत सरकार की नीति और अमेरिकी प्रशासन से बातचीत की दिशा पर भी बाजार की आगे की स्थिति निर्भर करेगी।