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- 07-Apr-2025 10:08 AM IST
Trump Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ प्लान ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है। इस योजना के तहत ट्रंप ने उन देशों पर शुल्क लगाया है जो अमेरिकी निर्यात पर पहले से ही ऊंचे टैक्स लगाते हैं। यह कदम न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय व्यापार समीकरणों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अमेरिका के भीतर भी जबरदस्त विरोध और असंतोष का कारण बन गया है।
देशभर में विरोध प्रदर्शन
शनिवार को अमेरिका के कई शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उद्योगपति एलन मस्क के खिलाफ रैलियां आयोजित की गईं। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य सिर्फ टैरिफ नीति का विरोध नहीं था, बल्कि कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत, मानवाधिकारों के उल्लंघन और ट्रंप प्रशासन की अन्य नीतियों पर भी सवाल उठाना था। सड़कों पर उतरे नागरिकों ने ट्रंप के कई कार्यकारी आदेशों की आलोचना करते हुए उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
'टैरिफ एक खूबसूरत चीज है' – ट्रंप
इन विरोधों के बीच ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने टैरिफ को अमेरिका के लिए "बहुत ही सुंदर चीज़" बताया। उन्होंने लिखा, “चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ हमारा बड़ा व्यापार घाटा है। इस असंतुलन को ठीक करने का एकमात्र तरीका टैरिफ है, जो अब अमेरिका में अरबों डॉलर ला रहा है।” ट्रंप का मानना है कि यह नीति अमेरिका के आर्थिक हितों की रक्षा करेगी और दीर्घकाल में देश को मजबूत बनाएगी।
शेयर बाजार में गिरावट पर ट्रंप का रुख
पिछले कुछ समय में अमेरिकी शेयर बाजार से करीब 6 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो चुकी है। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। लेकिन ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टैरिफ एक दवा की तरह है – असरदार, लेकिन कभी-कभी कड़वी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें गिरते बाजार की चिंता नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि यह अमेरिका की दीर्घकालिक आर्थिक सेहत के लिए जरूरी कदम है।
भारत सहित कई देशों पर नया टैरिफ
कुछ दिन पहले ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। भारत के अलावा चीन, मलेशिया, कनाडा, पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों को भी इस टैरिफ नीति के तहत शामिल किया गया है। इससे इन देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका है।