Share Market Crash / 7 दिन से लाल है द "लाल" स्ट्रीट और कितना गिरेगा शेयर मार्केट?

फरवरी के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 900 अंकों से ज्यादा गिरकर 73,925 पर और निफ्टी 22,325 पर पहुंच गया। निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अमेरिकी टैरिफ, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर जीडीपी आंकड़ों से बाजार दबाव में है।

Share Market Crash: फरवरी के आखिरी दिन भी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दोनों ही लाल निशान में खुले। बाजार खुलते ही भारी गिरावट दर्ज की गई और प्रमुख स्तर टूट गए। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 900 अंकों से ज्यादा गिर चुका था, जबकि निफ्टी 200 अंकों से अधिक लुढ़क गया।

बाजार की मौजूदा स्थिति

शेयर बाजार खुलते ही भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 686.45 अंकों की गिरावट के साथ 73,925.98 पर और निफ्टी 219.85 अंकों की गिरावट के साथ 22,325.20 पर खुला। शुरुआती कारोबार में करीब 539 शेयरों में तेजी, जबकि 1,702 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।

निवेशकों को भारी नुकसान

फरवरी महीने ने निवेशकों को करारा झटका दिया है। बाजार खुलते ही निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए।

बीते दिन 27 फरवरी 2025 को बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये था। आज यानी 28 फरवरी 2025 को बाजार खुलने पर यह गिरकर 3,93,10,210.53 करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति 4,27,514.1 करोड़ रुपये घट गई।

गिरावट की प्रमुख वजहें

बाजार में गिरावट की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:

  1. अमेरिका का टैरिफ ऐलान: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आयात पर नए टैरिफ लागू करने की घोषणा की। इसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ।

  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है।

  3. भारत की तीसरी तिमाही (Q3) जीडीपी आंकड़े: देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े नए आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है।

आगे की संभावनाएं

वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखना आवश्यक होगा, क्योंकि वैश्विक और घरेलू कारक इसमें अहम भूमिका निभाएंगे।