News18 : Apr 14, 2020, 05:43 PM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी के हालाल पैदा कर दिए है। वर्ल्ड बैंक, IMF समेत कई बड़ी एजेंसी ग्लोबल मंदी की बात कह चुकी है। लेकिन ऐसे हालात में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन इस मौके का पूरा फायदा उठाने में लग गया है। चीन बेहद सस्ते दाम पर कच्चे तेल को इकट्ठा कर रहा है, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मार्च में चीन का क्रूड इंपोर्ट करीब 12 फीसदी बढ़कर 43।91 मिलिसन टन पहुंच गया है।
चीन ऐसे उठा रहा है मंदी का फायदा
(1) मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों चीन में खुद कोरोना वायरस के चलते सुस्ती है और रिफाइनिंग एक्विविटी पहले से बहुत कम हो गई है। उसके बावजूद चीन ने कच्चे तेल की खरीदारी तेज कर दी है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां रुक गई है।
(2) इसकी वजह से कच्चे तेल के दाम गिर गए है। साथ ही, ओपेक देशों और रूस के बीच प्राइस वार छिड़ने से क्रूड में भारी गिरावट आई है।
(3) कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आई है। वहीं पिछले दिनों सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार की वजह क्रूड की कीमतें 18 साल के निछले स्तर पर चली गईं थीं।
(4) क्रूड इस साल अबत तक करीब 49 फीसदी सस्ता हो चुका है। जबकि एक साल में इसके भाव 50 फीसदी से ज्यादा नीचे आए हैं।
(5) कोरोना महामारी की शुरुआत सबसे पहले चीन से हुई। इसके बाद चीन ने पूरी तरह से अपने कई शहरों को बंद कर दिया। लेकिन पिछले हफ्ते चीन में ज्यादातर कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है। इसलिए माना जा रहा है कि दुनियाभर के बाजारों में चीन का एकााधिकार बढ़ सकता है।
चीन ऐसे उठा रहा है मंदी का फायदा
(1) मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों चीन में खुद कोरोना वायरस के चलते सुस्ती है और रिफाइनिंग एक्विविटी पहले से बहुत कम हो गई है। उसके बावजूद चीन ने कच्चे तेल की खरीदारी तेज कर दी है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां रुक गई है।
(2) इसकी वजह से कच्चे तेल के दाम गिर गए है। साथ ही, ओपेक देशों और रूस के बीच प्राइस वार छिड़ने से क्रूड में भारी गिरावट आई है।
(3) कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन के कारण कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आई है। वहीं पिछले दिनों सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार की वजह क्रूड की कीमतें 18 साल के निछले स्तर पर चली गईं थीं।
(4) क्रूड इस साल अबत तक करीब 49 फीसदी सस्ता हो चुका है। जबकि एक साल में इसके भाव 50 फीसदी से ज्यादा नीचे आए हैं।
(5) कोरोना महामारी की शुरुआत सबसे पहले चीन से हुई। इसके बाद चीन ने पूरी तरह से अपने कई शहरों को बंद कर दिया। लेकिन पिछले हफ्ते चीन में ज्यादातर कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है। इसलिए माना जा रहा है कि दुनियाभर के बाजारों में चीन का एकााधिकार बढ़ सकता है।