देश / स्वर्ण पदक जीतने के बाद इसे जेब में लेकर घूम रहा हूं, ठीक से खाना नहीं खाया है: नीरज

टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत लौटे जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने कहा है कि स्वर्ण पदक सिर्फ उनका नहीं पूरे भारत का है। उन्होंने कहा, "मैं उस दिन से पदक को जेब में लेकर घूम रहा हूं...जीतने के बाद से...मैंने ठीक से खाना नहीं खाया है...लेकिन पदक देखने के बाद लगता है कि सब ठीक है।"

Vikrant Shekhawat : Aug 10, 2021, 07:23 AM
नई दिल्ली: ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने सोमवार को खुलासा किया कि Tokyo Olympics 2020 में इतिहास रचने वाले प्रदर्शन के बाद उनका शरीर दुख रहा था लेकिन उन्होंने जो ऐतिहासिक नतीजा हासिल किया उसे देखते हुए यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी. सरकार ने टोक्यो खेलों के भारत के सात पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और टीमों को स्वदेश पहुंचने पर 9 अगस्त की शाम सम्मानित किया. इस मौके पर भाला फेंक का ओलिंपिक स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता था कि फाइनल में दूसरे प्रयास में उन्होंने भाले को 87.48 मीटर की दूरी तक फेंककर कुछ विशेष किया है. चोपड़ा ने इस दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

चोपड़ा ने कहा, ‘मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. मेरी थ्रो काफी अच्छी गई थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी. यह पदक पूरे देश के लिए है.’ उन्होंने कहा कि जब से मेडल मिला है तब से वे इसे जेब में लेकर घूम रहे हैं. इसे जीतने के बाद से वे न तो सही से सो सके हैं और न ही खा सके हैं. लेकिन जब भी मेडल को देखते हैं तो सब सही लगता है. सम्मान समारोह के दौरान नीरज ने सभी को अपना मेडल भी दिखाया. उन्होंने कहा कि यह मेडल पूरे देश का है.

चोपड़ा बोले- किसी से डरो मत

सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाड़ियों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहता, विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो. आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं. कभी विरोधी से मत डरो.’ उन्होंने कहा कि मुकाबले में कई बड़े-बड़े खिलाड़ी थे लेकिन खुद पर भरोसा था. इसके चलते कामयाबी मिली. नीरज चोपड़ा ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने.