Delhi News / दिल्ली में हुई ये सनसनीखेज वारदात- खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर लुटे 50 लाख रुपये

देश की राजधानी दिल्ली में लाखों रुपये की लूट की वारदात को सनसनीखेज तरीके से अंजाम देने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर 4 लोगों ने पान बहार प्राइवेट लिमिटेड के एक कर्मचारी से 50 लाख रुपये लूट लिए। एक अधिकारी ने गुरुवार को घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारी कलेक्शन लेकर लौट रहा था, तभी लुटेरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है

Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2023, 08:00 PM
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में लाखों रुपये की लूट की वारदात को सनसनीखेज तरीके से अंजाम देने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर 4 लोगों ने पान बहार प्राइवेट लिमिटेड के एक कर्मचारी से 50 लाख रुपये लूट लिए। एक अधिकारी ने गुरुवार को घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारी कलेक्शन लेकर लौट रहा था, तभी लुटेरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

पैसे लेकर मोती नगर लौट रहा था पीड़ित

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लूट की यह वारदात बुधवार की शाम दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास हुई। पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि घटना शाम करीब 5 बजे तब हुई जब पान बहार प्राइवेट लिमिटेड का एक कर्मचारी कूचा घासी राम से रुपये लेकर मोती नगर स्थित दफ्तर लौट रहा था। उन्होंने बताया कि जब वह व्यक्ति अपने दफ्तर जा रहा था, तब आउटर रिंग रोड पर सलीम गढ़ फ्लाईओवर के पास वायरलेस सेट लेकर जा रहे 2 बाइक सवार लोगों ने उसे रोक लिया। खुद को ट्रैफिक पुलिस वाला बताकर उन्होंने औचक जांच की और वेन्यू कार की डिक्की खोलने में कामयाब रहे।

‘स्पेशल विंग्स को भी जांच में लगाया गया’

पुलिस ने शिकायत के हवाले से बताया, ‘दो अन्य व्यक्ति दूसरी बाइक पर आए और कार की डिक्की से एक बैग निकाल लिया। बैग में 50 लाख रुपये थे, जो कूचा घासी राम से इकट्ठा की गई रकम थी।’ IP एस्टेट पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 419, 382 और 34 के तहत FIR दर्ज की गई है और जांच चल रही है। अधिकारी ने आगे कहा कि इस घटना को सुलझाने के लिए लोकल पुलिस थाने की टीम के अलावा स्पेशल विंग्स को भी जांच में लगाया गया है। जांच के मौजूदा निष्कर्षों के आधार पर ऐसा लगता है कि आरोपी व्यक्तियों ने खुद को ट्रैफिक पुलिस के रूप में पेश किया था।