अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी भाजपा की जीत की गूंज / कोरोना त्रासदी, किसान आंदोलन के बाद भी ये जीत मोदी की लोकप्रियता के नतीजे

भारत में पांच राज्यों के बहुप्रतीक्षित नतीजों पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया की भी निगाह थी। राजनीतिक पंडित इन्हें 2024 लोकसभा चुनावों के सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे थे। जीत स्पष्ट होते ही कई देशों में इन पर राजनीतिक विमर्श हुआ तो मध्य पूर्व से लेकर यूरोप और अमेरिका के मीडिया में इन्हें खासा कवरेज मिला।

Vikrant Shekhawat : Mar 11, 2022, 11:36 AM
भारत में पांच राज्यों के बहुप्रतीक्षित नतीजों पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया की भी निगाह थी। राजनीतिक पंडित इन्हें 2024 लोकसभा चुनावों के सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे थे। जीत स्पष्ट होते ही कई देशों में इन पर राजनीतिक विमर्श हुआ तो मध्य पूर्व से लेकर यूरोप और अमेरिका के मीडिया में इन्हें खासा कवरेज मिला। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने लिखा-कोरोना त्रासदी, महंगाई-बेरोजगारी और किसान आंदोलन के बावजूद सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा को दोबारा कमान मिली। 

अल जजीरा : कट्टर हिंदूवादी छवि के बावजूद योगी की बड़ी जीत

भाजपा उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रही है। इन नतीजों को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोटे तौर पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रूप में देखा जा रहा है। आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की कट्टर हिंदुवादी और मुस्लिम विरोधी छवि रही है। उनके शासन में प्रदेश में लव जिहाद को साजिश बताते हुए इस पर प्रतिबंध के लिए कानून लाया गया। हालांकि, इसे भाजपा या उसके संगठन साबित नहीं कर पाए।

बीबीसी : बिना किसी लहर के फिर जीतने में सफल रहे योगी

पांच में से चार राज्यों के चुनावों में भाजपा प्रमुख दावेदार थी और उनसे सभी राज्य जीत लिए हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने लगातार दूसरी बार बहुमत पाकर लंबे समय से चली आ रही बदलाव की परंपरा को तोड़ा है। इन चुनावों में बेरोजगारी, महंगाई और बहुसंख्यकवाद मुद्दे थे लेकिन नतीजों में बेअसर दिखाई दिए।

  • उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में कोई लहर नहीं थी। चुनावों से पहले कई नेताओं ने भाजपा छोड़ भी दी थी लेकिन फिर भी वे यह चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।
  • विवादास्पद व्यक्तित्व वाले योगी के जितने प्रशंसक हैं, उतने ही आलोचक भी। पसंद करने वाले लोग उन्हें हिंदू आइकन मानते हैं तो आलोचक विभाजनकारी।
न्यूयॉर्क टाइम्स : तंगी के बावजूद जनता ने भाजपा को फिर जिताया

पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी ने भारत के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य को फिर जीत लिया है। हैरानी की बात है कि कोरोना महामारी से प्रदेशभर में आई आर्थिक तंगी के बावजूद लोगों ने भगवा पार्टी के पक्ष में मतदान किया।

  • उत्तर प्रदेश में यह तीन दशक में पहली दफा हुआ है कि किसी सत्ताधारी दल को जनता ने दोबारा कमान सौंपी है। इन नतीजों से कट्टर हिंदुवादी योगी आदित्यनाथ की छवि को और मजबूती मिली है। उन्हें काफी लोग मोदी का उत्तराधिकारी बताते हैं।
गल्फ न्यूजः  सात साल बाद भी बरकरार है मोदी लहर

चार राज्यों को फिर से फतह कर भाजपा ने दिखा दिया है कि 2014 से शुरू हुई मोदी लहर अभी बरकरार है। सात वर्षों बाद हुए इन चुनावों में पार्टी का फिर सत्ता पर काबिज होना भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक है।

  • कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के चलते खासतौर पर उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा था लेकिन यह गलत साबित हुआ। हालांकि, सपा की सीटें और मत प्रतिशत बढ़ा है लेकिन यह अन्य विपक्षी दलों के खाते से आया है। बसपा और कांग्रेस, दोनों धराशाई हो गई हैं। 1991 के बाद उत्तर प्रदेश में पहली दफा यह चुनाव द्वि-ध्रुवीय रहा।