TikTok / चीन से दूरी बनाने की तैयारी कर रहा है TikTok! जानिए क्या है वजह

भारत ने चाइनीज ऐप टिकटॉक को सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया है माना जा रहा है कि जल्दी ही अमेरिका भी ऐसी कार्रवाई कर सकता टिकटॉक की मालिक चीनी कंपनी बाइटडांस ने अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में बदलाव की बातें कही है कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वो अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को बदलने पर विचार कर रही है दरअसल दुनिया के कई देश टिकटॉक के चीन से संचालित होने को लेकर आशंका जाहिर कर चुके हैं

भारत ने चाइनीज ऐप (Chinese Top) टिकटॉक (TikTok) को सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया है. माना जा रहा है कि जल्दी ही अमेरिका (America) भी ऐसी कार्रवाई कर सकता है. ऑस्ट्रेलिया (Australia) की तरफ से भी ऐसी ही खबरें आई हैं. ऐसे में टिकटॉक की मालिक चीनी कंपनी बाइटडांस (Bytedance) ने अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में बदलाव की बातें कही है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वो अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को बदलने पर विचार कर रही है. दरअसल दुनिया के कई देश टिकटॉक के चीन से संचालित होने को लेकर आशंका जाहिर कर चुके हैं.


चीन से बाहर हो सकता है मुख्यालय

कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि नया मैनेजमेंट बोर्ड तैयार किए जाए और चीन के बाहर अन्य देश में मुख्यालय स्थापित किए जाए. कंपनी की तरफ से ऐसा कदम चीन के साथ उसे जोड़कर देखे जाने की वजह से उठाया जा सकता है. गौरतलब है कि टिकटॉक का मुख्यालय भी बाइटडांस के बीजिंग स्थित मुख्यालय में स्थित है.


अब टिकटॉक अपना अलग मुख्यालय बनाने के लिए कई जगहों पर विचार कर रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक टिकटॉक के सबसे बड़े दफ्तर इस वक्त लॉस एंजिलिस, न्यूयॉर्क, लंदन, डबलिन और सिंगापुर में हैं. टिकटॉक ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि हम अपने यूजर्स, कर्मचारियों, आर्टिस्ट्स, क्रिएटर्स, पार्टनर्स के हितों को ध्यान में रखकर चल रहे हैं.


क्या बोला ट्रंप प्रशासन

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कहा है कि वो इस ऐप को बैन करने पर विचार कर रहा है. अमेरिका की तरफ से इस कदम को चीन के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों के रूप में भी देखा जा रहा है. कोरोना वायरस के खिलाफ चीन के कदमों को लेकर अमेरिका लगातार निशाना साधता रहा है. ट्रंप प्रशासन ने एक के बाद एक कई फैसले चीन के खिलाफ लिए हैं. अमेरिका में टिकटॉक को लेकर ये भी सवाल खड़े किए गए हैं कि कंपनी पर्सनल डेटा का इस्तेमाल किस तरह करती है.


अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने देशवासियों से ऐप डाउनलोड न करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि ऐप के जरिए उनका डेटा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में पहुंच सकता है.