Earthquake In Myanmar / म्यांमार के सेना प्रमुख से पीएम मोदी ने की बात, बोले- 'कठिन समय में साथ खड़ा है भारत'

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप पर दुख व्यक्त किया और जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी, जिसमें आवश्यक दवाएं, खाद्य सामग्री और आपदा राहत उपकरण शामिल हैं। भूकंप में 1000 से अधिक लोग मारे गए।

Earthquake In Myanmar: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने म्यांमार के जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत कर संवेदना प्रकट की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी भावनाओं को साझा किया और म्यांमार के नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, म्यांमार के एक करीबी मित्र और पड़ोसी देश के रूप में इस कठिन समय में उसके साथ खड़ा है। उन्होंने बताया कि भारत ने आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को तेजी से प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है।

भारत की ओर से राहत प्रयास

भारत ने तत्काल राहत के रूप में 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी है। यह सामग्री भारतीय वायुसेना के हिंडन स्टेशन से सी-130जे विमान के माध्यम से भेजी गई। इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट, पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।

भूकंप से भारी तबाही

म्यांमार और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में शुक्रवार को आए इस शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। इस प्राकृतिक आपदा में म्यांमार में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 1700 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भूकंप के कारण कई इमारतें, पुल और बांध ध्वस्त हो गए।

भारत का समर्थन और भविष्य की योजनाएं

भारत सरकार ने म्यांमार को हरसंभव सहायता देने का वादा किया है और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए विभिन्न विभागों को निर्देश दिए हैं। यह समर्थन भारत-म्यांमार के मजबूत संबंधों को दर्शाता है और दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसियों की कठिन परिस्थितियों में उनके साथ खड़ा रहता है।