पश्चिम बंगाल / बिना परीक्षा टीचर बन जाने का आरोप, TMC लीडर की बेटी को समन जारी

पश्चिम बंगाल में टीएमसी लीडर की हनक का संगीन मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या पर आरोप है कि वो बिना परीक्षा के ही शिक्षक बन गई। सुकन्या भर्ती होने के बाद कभी स्कूल भी नहीं गईं। वह अपनी एटेंडेंस रोजाना घर पर ही भेज दिया करती थी। मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट नें संज्ञान लिया और गुरुवार को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है।

Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2022, 11:52 PM
पश्चिम बंगाल में टीएमसी लीडर की हनक का संगीन मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या पर आरोप है कि  वो बिना परीक्षा के ही शिक्षक बन गई। सुकन्या भर्ती होने के बाद कभी स्कूल भी नहीं गईं। वह अपनी एटेंडेंस रोजाना घर पर ही भेज दिया करती थी। मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट नें संज्ञान लिया और गुरुवार को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है।

दरअसल, याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि सुकन्या मंडल भर्ती होने के बाद कभी भी पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं गईं। इसके बजाय, शिक्षकों की उपस्थिति पंजिका प्रतिदिन उनके घर भेजी जाती थी ताकि वह अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके। स्कूल बीरभूम में मंडल के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को करोड़ों रुपये के मवेशी भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और अब वो पूछताछ के लिए एजेंसी की हिरासत में है।

बुधवार को हाई कोर्ट में अधिवक्ता फिरदौस शमीम ने कहा, “सुकन्या मंडल ने कभी टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं की। सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती होने के बाद भी वो कभी स्कूल नहीं पहुंची। हमने पांच और व्यक्तियों का नाम लिया है, जिनमें ज्यादातर अनुब्रत मंडल के रिश्तेदार और परिवार के सदस्य हैं, जिन्हें बिना टीईटी पास किए शिक्षकों की नौकरी मिली है।”

शमीम ने कहा, “उच्च न्यायालय की पीठ ने सुकन्या मंडल सहित सभी छह व्यक्तियों को गुरुवार को दोपहर 3 बजे अपने टीईटी प्रमाण पत्र के साथ अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने निर्देश दिया है कि आदेश की सूचना बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक को दी जाए।”

गौरतलब है कि इसी साल मई में हाई कोर्ट की इसी पीठ ने पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को स्कूल टीचर की नौकरी से हटा दिया था। उन्हें कथित तौर पर एक सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया गया था, भले ही उनका नाम मेरिट सूची में नहीं था और वह कभी भी साक्षात्कार में भी उपस्थित नहीं हुई।

शिक्षामंत्री ने टिप्पणी से किया इनकार

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने इस संगीन मामले में यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें इस मुद्दे की जानकारी नहीं है। उधर, भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "यह असामान्य नहीं है। यह असामान्य होता अगर उसे एक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भर्ती किया गया होता और वह वेतन पाने के लिए हर दिन काम कर रही होतीं।”

बता दें कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती स्कूल में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर घोटाले की जांच कर रही है। हाई कोर्ट ने पार्थ चटर्जी के सुरक्षा गार्ड बिस्वंबर मोनोल के कम से कम 10 करीबी सहयोगियों को 1 सितंबर को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया है। सभी दस व्यक्तियों को 2014 और 2021 के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में चटर्जी के कार्यकाल के दौरान प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में भर्ती किया गया था।