Vikrant Shekhawat : Apr 22, 2023, 09:31 AM
Akshaya Tritiya 2023: हिंदू शास्त्र के अनुसार वैशाख महीने का काफी महत्व माना जाता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाया जाता है। जो कि हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को पड़ रही है। जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त।अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
22 अप्रैल सुबह 07 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तकअक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्तहिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 09 मिनट से शुरू हो रही है और 23 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को 7 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है। अक्षय तृतीया पर बन रहा है 6 तरह का शुभ संयोगइस बार अक्षय तृतीया बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि आज के दिन 6 तरह का शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं 6 शुभ संयोग कौन-कौन सा है।आयुष्मान योग - 22 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक सौभाग्य योग - 22 अप्रैल 2023 को 9 बजकर 25 मिनट से शुरू शुभ योग त्रिपुष्कर योग सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर 22 अप्रैल को चौथा योग रवि योग बनेगा। पाचंवा और छठा योग सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योगअक्षय तृतीया पूजा विधि
22 अप्रैल सुबह 07 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तकअक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्तहिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 09 मिनट से शुरू हो रही है और 23 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को 7 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है। अक्षय तृतीया पर बन रहा है 6 तरह का शुभ संयोगइस बार अक्षय तृतीया बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि आज के दिन 6 तरह का शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं 6 शुभ संयोग कौन-कौन सा है।आयुष्मान योग - 22 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक सौभाग्य योग - 22 अप्रैल 2023 को 9 बजकर 25 मिनट से शुरू शुभ योग त्रिपुष्कर योग सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर 22 अप्रैल को चौथा योग रवि योग बनेगा। पाचंवा और छठा योग सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योगअक्षय तृतीया पूजा विधि
- अक्षय तृतीया सर्वसिद्ध मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना में लीन होते हैं। स्त्रियां अपने और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
- ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करके श्री विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए।
- शांत चित्त से उनकी श्वेत कमल के पुष्प या श्वेत गुलाब, धुप-अगरबत्ती एवं चन्दन इत्यादि से पूजा अर्चना करनी चाहिए। नैवेद्य के रूप में जौ, गेंहू, या सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि का चढ़ावा करें।
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। साथ ही फल-फूल, बर्तन, वस्त्र, गौ, भूमि, जल से भरे घड़े, कुल्हड़, पंखे, खड़ाऊं, चावल, नमक, घी, खरबूजा, चीनी, साग, आदि दान करना पुण्यकारी माना जाता है।
- इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद कमल अथवा सफेद गुलाब या पीले गुलाब से करना चाहिए।