Vikrant Shekhawat : Oct 10, 2024, 06:00 AM
Shardiya Navratri: हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व देवी दुर्गा की आराधना का समय होता है, जब भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि मां महागौरी की पूजा से भक्तों के बिगड़े काम बन जाते हैं और वे सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति पाते हैं।मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्तवैदिक पंचांग के अनुसार, मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।पूजा की विधिमां महागौरी की पूजा के लिए भक्तों को सबसे पहले सुबह स्नान कर सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए और मां महागौरी की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से साफ करना चाहिए। सफेद रंग मां महागौरी को प्रिय है, इसलिए पूजा में सफेद पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है।आवश्यक सामग्री:
- सफेद पुष्प
- रोली और कुमकुम
- मिष्ठान और फल
- काले चने
- मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
- महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
- वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥
- पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
- पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
- प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्। कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥
- सर्वसंकटहन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्। ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
- सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्। डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
- त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्। वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
- ॐकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजम् मां, हृदयो। क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
- ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी मां नेत्रम् घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मां सर्ववदनो॥
- जय महागौरी जगत की माया।
- जय उमा भवानी जय महामाया॥
- हरिद्वार कनखल के पासा।
- महागौरी तेरा वहा निवास॥
- चन्द्रकली और ममता अम्बे।
- जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥
- भीमा देवी विमला माता।
- कौशिक देवी जग विख्यता॥
- हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
- महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
- सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।
- उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
- बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
- तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
- तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
- शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
- शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
- मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
- भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
- महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥