Donald Trump News / ट्रंप का 'ऑपरेशन ईरान' शुरू, बनाए 5 प्लान और मस्क को मिली बड़ी जिम्मेदारी

डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से निपटने के लिए ऑपरेशन ईरान शुरू किया, जिसमें एलन मस्क और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की अहम भूमिका है। ट्रंप ने 5 रणनीतियों पर काम किया, जिसमें ईरान में सत्ता परिवर्तन और प्रॉक्सी संगठनों का खात्मा शामिल है। मस्क ने ईरान के राजदूत से मीटिंग की।

Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2024, 01:00 AM
Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं, लेकिन इसके पहले ही उन्होंने ईरान को लेकर अपनी रणनीति को सक्रिय कर दिया है। ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से पहले ही ईरान के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है, जिसमें उनकी टीम के प्रमुख सदस्य एलन मस्क और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू शामिल हैं। ट्रंप का उद्देश्य सिर्फ अरब देशों से ईरान के प्रभुत्व को समाप्त करना नहीं, बल्कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई का तख्तापलट करना भी है।

ईरान के खिलाफ 5 रणनीतिक कदम

ट्रंप की टीम ईरान को झुकाने के लिए पांच अलग-अलग रणनीतियों पर काम कर रही है। इनमें ईरान की शक्ति को कम करने और उसे वैश्विक मंच पर कमजोर करने के प्रयास शामिल हैं:

  1. ईरान को अपनी शर्तों पर झुका देना
  2. ईरान में बगावत को भड़काना
  3. ईरान में सत्ता परिवर्तन कर एक कठपुतली सरकार बनाना
  4. ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करना
  5. ईरान के प्रॉक्सी संगठनों का सफाया करना

ट्रंप की रणनीति में एलन मस्क की भूमिका

ट्रंप के लिए ईरान पर सीधे हमले करना फिलहाल मुश्किल हो सकता है, खासकर गाजा युद्ध के चलते अरब देशों में अमेरिकी विरोध बढ़ चुका है। इसलिए, ट्रंप ने एक और रणनीतिक रास्ता अपनाया है—ईरान को कड़ी शर्तों के माध्यम से दबाव में लाना। इस महत्वपूर्ण काम की जिम्मेदारी ट्रंप ने अपने करीबी और विश्वसनीय व्यक्ति एलन मस्क को दी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने हाल ही में ईरान के राजदूत आमिर सईद के साथ एक गुप्त मीटिंग की थी, जिसमें दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा की गई। हालांकि, मस्क ने साफ कर दिया कि अमेरिका ईरान को न्यूक्लियर हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा, और अगर ईरान ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानी, तो प्रतिबंध और कड़े किए जाएंगे।

इजराइल का दखल और सीरिया में बमबारी

इस रणनीतिक बदलाव का असर इजराइल पर भी पड़ा है, जहां बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के प्रॉक्सी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने सीरिया और लेबनान में बमबारी की है, ताकि हिजबुल्लाह की हथियारों की सप्लाई लाइन को तोड़ा जा सके। सीरिया से लेबनान तक हिजबुल्लाह के हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए इजराइल ने बार-बार हमले किए हैं। इस बार, इजराइल ने दमिश्क और बेरूत पर भी हमला किया है, जहां हिजबुल्लाह के हथियार डिपो को निशाना बनाया गया है।

ट्रंप का फोकस: प्रॉक्सी संगठनों को खत्म करना

ट्रंप की टीम को यह विश्वास है कि ईरान की प्रॉक्सी सेनाओं को खत्म किए बिना ईरान को प्रभावी रूप से दबाना संभव नहीं है। ईरान के द्वारा चलाए जा रहे ये प्रॉक्सी संगठन विश्वभर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और ईरान की अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भूमिका को मजबूत करते हैं। इसीलिए, ट्रंप के मुख्य लक्ष्य में इन प्रॉक्सी संगठनों को खत्म करना शामिल है।

ट्रंप के फैसले का वैश्विक प्रभाव

ट्रंप द्वारा शुरू की गई इस योजना का प्रभाव सिर्फ ईरान पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी पड़ने की संभावना है। सीरिया, लेबनान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ने के साथ-साथ, अमेरिका और ईरान के बीच टकराव भी गंभीर हो सकता है। ट्रंप का यह कदम पहले से अधिक तनाव और संघर्ष को जन्म दे सकता है, लेकिन उनका उद्देश्य एक रणनीतिक बदलाव लाकर ईरान को वैश्विक मंच पर कमजोर करना है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप का ऑपरेशन ईरान आने वाले महीनों में एक बड़ा भू-राजनीतिक घटनाक्रम बन सकता है। उनका यह कदम ईरान को केवल सैन्य रूप से नहीं, बल्कि आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी दबाने का प्रयास है। एलन मस्क और नेतन्याहू जैसे प्रमुख नेताओं की भूमिका इस मिशन में महत्वपूर्ण है, और यह देखना बाकी है कि ट्रंप की रणनीति ईरान को किस हद तक प्रभावित कर पाती है।