AajTak : Jun 08, 2020, 04:40 PM
दिल्ली: लॉकडाउन के कारण बंद पड़ीं कंपनियां फिर से काम शुरू करने के मूड में आ गई हैं। हालांकि कर्मचारियों के लिए वर्कप्लेस पर कुछ चीजें अब पहले जैसी नहीं रहेंगी। कंपनी के मालिकों को कर्मचारियों की सुरक्षा, साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ख्याल रखना होगा।
ब्रिटेन में इसे लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई में लापरवाही करने पर कंपनी के मालिक के खिलाफ स्वास्थ्य और सुरक्षा कानून के उल्लंघन के तहत सिविल या क्रिमिलन दोनों तरह के मुकदमे चलाए जा सकते हैं। ऐसा करने पर जुर्माना या कम से कम दो साल की जेल भी हो सकती है। इसलिए कंपनी के मालिक को मुख्य रूप से यह ध्यान रखना होगा कि उसका कोई कर्मचारी कोरोना का शिकार ना हो।एक ब्रिटिश लॉ फर्म के अधिवक्ता डैनियल पार्सन्स ने कहा, 'यदि आपका कार्यस्थल असुरक्षित है तो कुछ चीजों को ध्यान में रखकर काम करते हुए आप सुरक्षित रह सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोग डर की वजह से कार्यस्थल पर आने से ही ऐतराज करें। इसके बावजूद आप ये सब नहीं छोड़ पाएंगे।'उन्होंने कहा, 'जब मसला आपकी सुरक्षा का हो तो कानून आपकी रक्षा करता है। ऐसे में कंपनी के मालिकों को काम के लिए एक सुरक्षित प्रणाली अपनानी चाहिए और कार्यस्थल पर जोखिम का आकलन भी करना चाहिए।'ब्रिटेन की एक फर्म क्लीनोलॉजी के सीईओ डॉमिनिक पोनिआह कहते हैं, 'यह कंपनी के मालिकों का दायित्व है कि वे कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल रखें। कार्यस्थल पर काम शुरू करने के लिए उन्हें कुछ खास तरकीब खोजनी होंगी।'यानी कुछ नियमों का बेहद सख्ती से पालन करना होगा। रोजाना अच्छे से साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। फ्लोर चेंजिंग प्लान से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखने के बारे में विचार करना होगा।लॉकडाउन हटने के बाद हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि देश-दुनिया में इंफेक्शन का खतरा और ज्यादा ना बढ़े। ऐसा करने से वायरस की दूसरी लहर का खतरा भी झेलना पड़ सकता है।बता दें कि भारत में भी लॉकडाउन हटने के पहले फेज़ में कई बड़े मंदिर, रेस्टोरेंट और मॉल्स खोलने की इजाजत मिल गई है। इस दौरान कई बड़ी कंपनियों ने भी कार्यस्थल पर काम शुरू कर दिया है। कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों को कई खास दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
ब्रिटेन में इसे लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई में लापरवाही करने पर कंपनी के मालिक के खिलाफ स्वास्थ्य और सुरक्षा कानून के उल्लंघन के तहत सिविल या क्रिमिलन दोनों तरह के मुकदमे चलाए जा सकते हैं। ऐसा करने पर जुर्माना या कम से कम दो साल की जेल भी हो सकती है। इसलिए कंपनी के मालिक को मुख्य रूप से यह ध्यान रखना होगा कि उसका कोई कर्मचारी कोरोना का शिकार ना हो।एक ब्रिटिश लॉ फर्म के अधिवक्ता डैनियल पार्सन्स ने कहा, 'यदि आपका कार्यस्थल असुरक्षित है तो कुछ चीजों को ध्यान में रखकर काम करते हुए आप सुरक्षित रह सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोग डर की वजह से कार्यस्थल पर आने से ही ऐतराज करें। इसके बावजूद आप ये सब नहीं छोड़ पाएंगे।'उन्होंने कहा, 'जब मसला आपकी सुरक्षा का हो तो कानून आपकी रक्षा करता है। ऐसे में कंपनी के मालिकों को काम के लिए एक सुरक्षित प्रणाली अपनानी चाहिए और कार्यस्थल पर जोखिम का आकलन भी करना चाहिए।'ब्रिटेन की एक फर्म क्लीनोलॉजी के सीईओ डॉमिनिक पोनिआह कहते हैं, 'यह कंपनी के मालिकों का दायित्व है कि वे कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल रखें। कार्यस्थल पर काम शुरू करने के लिए उन्हें कुछ खास तरकीब खोजनी होंगी।'यानी कुछ नियमों का बेहद सख्ती से पालन करना होगा। रोजाना अच्छे से साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। फ्लोर चेंजिंग प्लान से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखने के बारे में विचार करना होगा।लॉकडाउन हटने के बाद हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि देश-दुनिया में इंफेक्शन का खतरा और ज्यादा ना बढ़े। ऐसा करने से वायरस की दूसरी लहर का खतरा भी झेलना पड़ सकता है।बता दें कि भारत में भी लॉकडाउन हटने के पहले फेज़ में कई बड़े मंदिर, रेस्टोरेंट और मॉल्स खोलने की इजाजत मिल गई है। इस दौरान कई बड़ी कंपनियों ने भी कार्यस्थल पर काम शुरू कर दिया है। कार्यस्थल पर काम कर रहे कर्मचारियों को कई खास दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं।