नई दिल्ली / शांतिपूर्ण तथा उद्देश्यपूर्ण जीवन के लिए अध्यात्म को समझना अत्यंत महत्वपूर्णः उपराष्ट्रपति

अपने निवास पर अध्यात्म गुरू श्री श्री रविशंकर जी के साथ आयोजित संवाद सत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में बड़ों की आदर करने, संतों, ऋषियों तथा गुरूओं से अनेक समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश प्राप्त करने की महान परम्परा रही है।

Vikrant Shekhawat : Nov 27, 2019, 05:57 PM
उपराष्ट्रपति ने श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि शांतिपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए अध्यात्म को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भारत की महान सांस्कृतिक विरासतों, मूल्यों तथा भारतीय दर्शन में निहित आदर्शों के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार पर भी बल दिया।

श्री श्री रविशंकर ने उपराष्ट्रपति भवन में मंत्रियों, सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया, योग और ध्यान आवश्यक मानसिक स्वास्थ्य विज्ञानः इससे जीवन के वास्तविक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है

अपने निवास पर अध्यात्म गुरू श्री श्री रविशंकर जी के साथ आयोजित संवाद सत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में बड़ों की आदर करने, संतों, ऋषियों तथा गुरूओं से अनेक समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश प्राप्त करने की महान परम्परा रही है।  श्री श्री रविशंकर के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री श्री रविशंकर पूरी दुनिया में लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं और अपने आध्यात्मिक प्रवचनों से लोगों का ज्ञानवर्धन कर रहे हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब सामाजिक तनाव पैदा करने, शांति, समृद्धि को प्रभावित करने तथा देश और विश्व के विकास को प्रभावित करने के लिए हिंसा, तनाव और मूल्यों में गिरावट देखी जा रही है।

उपस्थित लोगों से बातचीत करते हुए श्री श्री ने योग और ध्यान के महत्व को बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए इन दोनों को व्यवहार में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दैनिक ध्यान, उचित नींद तथा शांतिपूर्ण मस्तिष्क के लिए सांस पर फोकस महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से लोगों को भौतिक चीजों से आगे निकलने का लाभ मिलेगा और सत्य तथा जीवन के वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

क्रोध प्रबंधन के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में श्री श्री ने कहा कि यदि क्रोध क्षणिक है तो बुरा नहीं है और हमें लंबे समय तक क्रोध को अंदर नहीं रखना चाहिए। उन्होंने शांतिपूर्ण विश्व बनाने के लिए एक-दूसरे से साझा करने और एक-दूसरे की देखभाल करने के भारतीय मूल्यों के महत्व पर बल दिया।

बातचीत में राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश, गृह राज्य मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन, प्रसार भारती के अध्यक्ष डॉ. ए. सूर्यप्रकाश, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी और टीआरएस. बीजेडी, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, डीएमके, एआईडीएमके तथा कांग्रेस जैसे अलग-अलग राजनीतिक दलों के अनेक सांसद उपस्थित थे। संवाद सत्र में सांसद, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, दिल्ली के मेयर तथा एनडीएमसी के अध्यक्ष सहित 50 सदस्य शामिल हुए।