लखनऊ / हादसे के पांचवें दिन भी पीड़िता वेंटीलेटर पर, वकील की हालत में थोड़ा सुधार

28 जुलाई को हादसे की शिकार हुई उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति पांचवें दिन भी नाजुक है। वह किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर पर है। हालांकि, वकील की हालत में पहले से थोड़ा सुधार हुआ है और उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया है। ट्रामा सेंटर प्रभारी डाक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता के ‘मल्टीपल फ्रैक्चर हैं। साथ ही, सीने में भी चोट हैं। पीड़िता की हालत नाजुक लेकिन स्थिर हैं।

Dainik Bhaskar : Aug 02, 2019, 04:44 PM
लखनऊ. 28 जुलाई को हादसे की शिकार हुई उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति पांचवें दिन भी नाजुक है। वह किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर पर है। हालांकि, वकील की हालत में पहले से थोड़ा सुधार हुआ है और उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया है। 

ट्रामा सेंटर प्रभारी डाक्टर संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता के ‘मल्टीपल फ्रैक्चर हैं। साथ ही, सीने में भी चोट हैं। पीड़िता की हालत नाजुक लेकिन स्थिर बनी हुई है। अभी इसे संतोषजनक सुधार नहीं कहा जा सकता है। पीड़िता को अभी तक होश भी नहीं आया है।

उधर, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को लखनऊ के अस्पताल से दिल्ली लाने का फैसला टाल दिया। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के परिजन चाहते हैं कि जब तक उनकी बेटी और वकील की हालत ठीक नहीं हो जाती है, उन्हें लखनऊ से शिफ्ट न किया जाए।

पीड़िता की हालत को लेकर डॉक्टर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। बताते हैं कि पांच दिनों के दौरान एक बार पीड़िता को वेंटीलेटर से बाहर निकालने का प्रयास किया था। लेकिन, फिर तुरंत बाद उसे वेंटीलेटर में रख दिया गया। पीड़िता की मां आईसीयू से निकलने वाले सभी डॉक्टरों से बिटिया का हालचाल पूछती रहती हैं।

दुर्घटना में घायल हुई थी दुष्कर्म पीड़िता

28 जुलाई यानी रविवार को पीड़िता की कार हादसे का शिकार हो गई थी। रायबरेली में तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।

गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई

इससे पहले गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की 12 जुलाई को चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी पर सुनवाई की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि पीड़ित और उसके परिजन को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके अलावा अंतरिम राहत के तौर पर 25 लाख मुआवजा भी दिया जाए। कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता से जुड़े सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश भी दिए थे। 

विधायक कुलदीप सेंगर पर लगा है दुष्कर्म का आरोप

लड़की से 2017 में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। आरोप है कि विधायक सेंगर और अन्य ने नौकरी दिलाने के बहाने लड़की से दुष्कर्म किया। पीड़िता उस वक्त नाबालिग थी। बाद में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। आरोप है कि उसके पिता से विधायक ने ही मारपीट की थी। पिता की मौत के बाद पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी। इसके बाद एसआईटी को जांच सौंपी गई थी। अभी जांच सीबीआई के पास है। बुधवार को भाजपा ने विधायक सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। सेंगर अभी सीतापुर की जेल में है।