Vikrant Shekhawat : May 30, 2021, 02:19 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पहली बार एक ऐसी योजना लागू की जा रही, जिसका सारा फोकस बच्चों पर ही रहेगा। ये योजना कोरोना (Corona) काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए बनाई गई है। योजना के तहत ऐसे बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित अन्य कई जिम्मेदारियां राज्य सरकार उठाएगी। इस योजना के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे, तो उन्हें अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हों, तो राज्य सरकार द्वारा उनकी समुचित देखभाल की जाएगी। ऐसे बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी प्रबन्ध करने के लिए तत्पर है। इसी भावना के साथ उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों की मदद के लिए उसके वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनके कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) पहले से चल रही हैं। साथ ही अवयस्क बालिकाओं की देखभाल के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा। राज्य सरकार ऐसे बच्चों के लिए जो स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हों को टैबलेट और लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध भी कराएगी। इसके अलावा बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी के लिए रुपये 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी।