Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2024, 08:20 AM
US Air Force: अमेरिका अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से दुश्मनों का मिटाएगा. इसके लिए US एयर फोर्स 1000 से अधिक ड्रोनों का बेड़ा तैयार कर रही है. खास बात ये है कि इस बेड़े में खतरनाक माने जाने वाले F-16 फाइटर जेट भी शामिल हैं जो पलक झपकते ही दुश्मन को नेस्तनाबूद करने का माद्दा रखते हैं. वायुसेना सचिव फ्रैंक केंडल ने अमेरिकी सीनेट को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि वह खुद F-16 के कॉकपिट में बैठने वाले हैं, जिसे हाल ही में एआई से उड़ान के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने बताया वह ऐसा इसलिए करने वाले हैं, ताकि वह खुद इसे देख सकें कि आर्टफिशियल इंटेलीजेंस से सजा ये फाइटर जेट हवा में कैसा प्रदर्शन करता है.अमेरिका ने इसलिए की तैयारीकेंडल ने रक्षा पैदल के सदस्यों को ये भी बताया कि ड्रोन युद्ध तेजी से विस्तारित हो रहा है. खास तौर से यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में ड्रोन एक बड़ा खतरा बन गया है. यूक्रेन भी हर रोज नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. खासतौश्र से मिडिल ईस्ट में हूती और अन्य आतंकवादी समूह लगातार अमेरिकी और अन्य वाणिज्यिक जहाजों को ड्रोनों के माध्यम से ही निशाना बना रहे हैं. यह एयर ड्रोन, वाटर ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. बकौल कैंडल जब वह F-16 फाइटर जेट में उड़ान भरेंगे तो उनके साथ एक पायलट भी होगा, जो बस मेरी तरह ही ये देखेगा कि ये विमान कैसे काम करेगा.बेहद खास है F-16 फाइटर जेटअमेरिका का फाइटर जेट F-16 दुनिया का सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित लड़ाकू विमान माना जाता है. इसीलिए यूक्रेन के राष्ट्रपति रूस से निपटने के लिए लगातार इस विमान की मांग कर रहे थे. दुनियाभर में 25 से ज्यादा देश इस विमान का प्रयोग करते हैं, इनमें पाकिस्तान भी शामिल है. यह फाइट जेट 15 हजार किमी से ज्यादा ऊंची उड़ान भर सकता है. इसकी रेंज 4 हजार किमी से ज्यादा है. रफ्तार तकरीबन 2200 किमी प्रतिघंटा है. यह चौथी जनरेशन का फाइटर जेट है जो हवा से हवा में मार करने के साथ अपने साथ मिसाइलों को भी ले जा सकता है. इसका रडार सिस्टम भी बेहद मजबूत है जो तकरीबन 80 किमी के दायरे में एक साथ 20 गतिविधियों को पकड़ सकता है.कई साल से योजना पर काम कर रहा USUS वायुसेना ने कई साल पहले से ही अपने बेड़े को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संचालित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया था. अब अमेरिका फाइटर जेट को भी एआई से चला सकता है. हालांकि अमेरिका ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि असल में ये बेड़ा कैसा होगा. इसमें पूरी तरह सिर्फ युद्धक विमान होंगे या भी कुछ छोटे ड्रोन को भी इसमें शामिल किया जाएगा. कैंडल के मुताबिक F-16 में उड़ान से वह भविष्य के बेड़े के पीछे की तकनीक का निरीक्षण करेंगे.खासतौर से चीन के लिए तैयारीमाना जा रहा है कि अमेरिका की ये तैयारी विशेष तौर चीन को देखते हुए की गई है. दरअसल चीन लगातार अपनी युद्ध क्षमताओं का आधुनिकीकरण कर रहा है. वायु रक्षा प्रणालियों की वजह से मानवयुक्त दल को चीन के करीब भेजना जोखिम भरा हो जाता है. ऐसे में ड्रोन और एआई से संचालित विमान दुश्मन का घेरा भेद सकते हैं. बताया जाता है कि पहले यह विमान सिर्फ जवाबी कार्रवाई ही कर सकता था, लेकिन अब यह अन्य काम भी कर सकता है. अमेरिका का दावा है कि एआई से संचालित फाइटर जेट मानव युक्त जेट की तुलना में सस्ता होगा.