Live Hindustan : Jul 17, 2020, 05:02 PM
Kanpur Encounter | कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यह मुठभेड़ फेक नहीं थी। पुलिस ने दुबे समेत उसके गुर्गों को मार गिराए जाने को लेकर कोर्ट में शुक्रवार को विस्तृत जवाब दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट के सामने विस्तृत जवाब दाखिल करते हुए यूपी पुलिस ने कहा कि एनकाउंटर सही थे। उन्हें फेक नहीं कहा जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। गांव में देर रात तक चले एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके कई साथी फरार हो गए थे। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने आठ दिनों के भीतर पांच एनकाउंटर करते हुए कई आरोपियों को ढेर कर दिया था। कई दिनों तक पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे को ढूंढने के बाद वह मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था। यूपी एसटीएफ वहां से दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी, तभी अगले दिन सुबह उसका एनकाउंटर हो गया। यूपी एसटीएफ ने दावा किया कि पुलिस की गाड़ी पलटने की वजह से दुबे भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से बंदूक छीन ली और फायरिंग भी की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुबे को ढेर कर दिया था।कानपुर कांड के 11 आरोपी अब भी फरारउत्तर प्रदेश के कानपुर में 2 जुलाई की रात हुई आठ पुलिसवालों की हत्या के आरोपी 11 लोग अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इसके अलावा कुछ और लोगों के बारे में जानकारी मिली है कि अप्रत्यक्ष तौर पर विकास की मदद कर रहे थे। इन लोगों के बारे में सुराग मिलने पर एसटीएफ की टीमों ने मंगलवार देर रात एक साथ कई जिलों में छापेमारी की थी। एक दर्जन से अधिक लोगों को उठाकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कानपुर देहात, औरैया और झांसी में विकास के कुछ गुर्गे अपने रिश्तेदारों के यहां छिपे हैं। इसके बाद एसटीएफ ने सभी इलाकों में एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम को सतर्क कर दिया। देर रात लगभग ढाई बजे एक साथ सभी जगहों पर छापेमारी की गई।