Vikas Dubey Case / विकास दुबे केस की 173 फाइलें रिकॉर्ड रूम से गायब, जानिए कहा हुई गड़बड़

यूपी के मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे समेत असलहा लाइसेंस की 173 फाइलें कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम से गायब हैं। एसआईटी रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा होने के बाद एसीएम द्वितीय के पेशकार और तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक को चार्जशीट दी गई है। पेशकार के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा चुकी है।

Vikrant Shekhawat : Nov 18, 2020, 09:45 PM
Vikas Dubey Case: यूपी के मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे समेत असलहा लाइसेंस की 173 फाइलें कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम से गायब हैं। एसआईटी रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा होने के बाद एसीएम द्वितीय के पेशकार और तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक को चार्जशीट दी गई है। पेशकार के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा चुकी है। 

एसआईटी ने विकास दुबे के असलहा लाइसेंस की फाइल तलब की तो खोजबीन शुरू की तो यह पता चला कि यहां तो कई फाइलें गायब हैं। प्रशासन ने तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक और वर्तमान में एसीएम द्वितीय के पेशकार विजय रावत को नोटिस जारी की। न रिकार्ड मिला और न ही कोई जवाब आया तो रिपोर्ट दर्ज कराई गई। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन भी कार्रवाई में जुट गया है। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि पेशकार को चार्जशीट दी गई है। फाइल गायब होने में उसकी लापरवाही मानी गई है। जवाब आते ही अब कार्रवाई होगी। पुलिस की कार्रवाई अलग चल रही है। 

सीबीसीआईडी जांच की हो चुकी संस्तुति

फाइल गायब होने के मामले में एसआईटी ने सीबीसीआईडी से जांच कराने की भी संस्तुति की है। जिसे जिला प्रशासन ने डीआईजी को भेजा है। एडीएम सिटी ने बताया कि सीबीसीआईडी जांच की संस्तुति डीआईजी के स्तर से होनी है, इसलिए उनको भेजा गया है।

फर्जी दस्तावेज से बने कई लाइसेंस :

विकास दुबे समेत उसके परिजन व करीबियों ने फर्जी दस्तावेज और जानकारी छुपाकर असलहा लाइसेंस पास कराया था। तत्कालीन अफसरों व कर्मचारियों ने आंख बंद करके असलहा स्वीकृत कर दिए, जबकि कई-कई मामले दर्ज थे। एसआईटी ने जांच करके सभी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। डीएम की ओर से फर्जी शपथ-पत्र देने वाले 14 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया गया है। वहीं तत्कालीन तीनों शस्त्र लिपिकों पर भी कार्रवाई होगी। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, जय बाजपेई समेत उनके परिजनों पर कई-कई मामले दर्ज हैं। सभी कई अनैतिक कामों में लिप्त हैं। ऐसे में सभी ने दर्ज मामलों और आम छवि को छुपाकर फर्जी शपथ-पत्र से असलहा लाइसेंस स्वीकृति के लिए दिए थे। दिए गए दस्तावेजों की जांच कराए बिना पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने रिपोर्ट लगाकर असलहा लाइसेंस स्वीकृत कर दिया। पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एसआईटी ने सभी के असलहा लाइसेंस की जांच कराई तो शपथ-पत्र फर्जी निकले। अब एसआईटी ने शासन को फर्जीवाड़ा करने वाले सभी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। आदेश आते ही जिला प्रशासन में खलबली मच गई है। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि एसआईटी की संस्तुति पर सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीआईजी की ओर से फर्जी शपथ-पत्र देने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। 

फर्जी वोटर आईडी से जय ने बनवाया पासपोर्ट

विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए 2012 व 2016 में फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाया था। जय बाजपेई की ओर से फर्जी वोटर आईडी लगाकर पासपोर्ट बनवाया गया। अब उसके खिलाफ अलग से फर्जीवाड़ा करने की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। दस्तावेजों की जांच में वोटर आईडी कार्ड भी फर्जी मिला है। अब अन्य दस्तावेज देखे जा रहे हैं।