Vikrant Shekhawat : Nov 13, 2021, 07:22 AM
Cricket: टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री का मानना है कि कोरोना वायरस से जुड़े दबाव से निपटने के लिए विराट कोहली टी20 इंटरनेशनल के बाद दूसरे फॉर्मेट से भी कप्तानी छोड़ सकते हैं. यूएई में खेले जा रहे आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप से भारत के जल्द बाहर होने के साथ ही शास्त्री का भारतीय टीम के साथ कार्यकाल पूरा हो गया.रवि शास्त्री ने किया बड़ा दावारवि शास्त्री ने ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में विराट कोहली की कप्तानी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वो बेहतर 'वर्कलोड मैनेजमेंट' (Workload Management) के लिए दूसरे फॉर्मेट से भी लीडरशिप की जिम्मेदारी छोड़ सकते है.’'बल्लेबाजी पर फोकस करेंगे कोहली'रवि शास्त्री ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारत पिछले 5 साल से टॉप पोजीशन पर काबिज है. जब तक वो मानसिक रूप से थका हुआ महसूस नहीं करेंगे तब तक वो उसे छोड़ना नहीं चाहेंगे. वो हालांकि निकट भविष्य में बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ सकते हैं.’सिर्फ टेस्ट कप्तानी करेंगे विराट!रवि शास्त्री ने कहा, ‘यह तुरंत नहीं होगा, लेकिन ऐसा हो सकता है. व्हाइट बॉल क्रिकेट (लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में) के साथ भी ऐसा हो सकता है. वो कह सकते है कि वह अब सिर्फ टेस्ट कप्तानी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते है.’'कोहली सबसे फिट खिलाड़ी'रवि शास्त्री ने विराट कोहली को सबसे फिट क्रिकेटर करार देते हुए कहा, ‘बहुत से कामयाब खिलाड़ियों ने अपनी बैटिंग पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ दी है.’ उन्होंने कहा, ‘उसमें खेल में अच्छा करने की भूख निश्चित रूप से बरकरार है, वह टीम में किसी से भी ज्यादा फिट हैं. उसके बारे में कोई शक नहीं. जब आप शारीरिक रूप से फिट होते हैं, तो खेल में आपकी उम्र बढ़ती है. कप्तानी के मामले में, यह उनका फैसला होगा, लेकिन मैं देखता हूं कि वह सफेद गेंद के क्रिकेट को न कह सकते हैं लेकिन लाल गेंद क्रिकेट में उसे खेल जारी रखना चाहिए. क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ दूत रहे हैं.’'हर फॉर्मेट के लिए हो अलग कप्तान'रवि शास्त्री ने अंदाजा लगाया है कि विराट कोहली के अलावा और भी कई खिलाड़ी बायो बबल की थकान से निपटने के लिए लंबा ब्रेक ले सकते हैं. उन्होंने कोविड-19 के समय में अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में अलग-अलग कप्तान होना जरूरी है क्योंकि इससे खिलाड़ी पर दबाव कम होगा. मुझे लगता है कि बहुत सारे खिलाड़ी ब्रेक लेना चाहते हैं. आपको समय-समय पर खेल से आराम देने की जरूरत होगी.’