Vikrant Shekhawat : Jul 17, 2024, 10:00 AM
Donald Trump News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को एक चुनावी सभा में हमला हुआ था. घटना को 3 दिन हो चुके हैं. हर दिन इससे जुड़ी नई जानकारी सामने आ रही है. ट्रंप के ऊपर हमले में अब अमेरिका के कट्टर दुश्मन ईरान का नाम भी जोड़ा जा रहा है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले से पहले अमेरिका प्रशासन को खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा है. खतरे की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप की सुरक्षा भी बढ़ाई थी.हालांकि इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है कि पूर्व राष्ट्रपति पर गोली चलाने वाला शख्स मैथ्यू क्रूक्स ईरान की इस साजिश का हिस्सा था. विदेशी साजिश की जानकारी और ट्रंप की सुरक्षा बढ़ाने के बाद भी 20 साल का हमलावर ट्रंप के करीब तक पहुंचने में कामयाब रहा और गोलियां चलाई. ये पेंसिल्वेनिया पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों पर कई सवाल खड़े कर रहा है.ट्रंप की टीम को थी खतरे की जानकारीCNN के मुताबिक, ट्रंप का चुनाव प्रचार देख रही उनकी टीम सीक्रेट सर्विस को शनिवार की रैली से पहले खतरे के बारे में पता चल गया था. एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने CNN को बताया, सीक्रेट सर्विस और ट्रंप अभियान को शनिवार की रैली से पहले खतरे के बारे में पता चल गया था. अधिकारी ने CNN को बताया, सीक्रेट सर्विस को इस खतरे के बारे में पता चला. NSC ने सीधे USSS से वरिष्ठ स्तर पर संपर्क किया और अधिकारियों को खतरे की जानकारी दी गई. बढ़ते खतरे को देखते हुए सीक्रेट सर्विस ने शनिवार से पहले ही पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा के लिए संसाधनों और परिसंपत्तियों को बढ़ा दिया था.ट्रंप की चुनावी टीम ने यह खुलासा नहीं किया है कि उसे ईरान के खतरे के बारे में पता था या नहीं. अभियान ने एक बयान में कहा, हम ट्रंप की सुरक्षा पॉलिसी पर टिप्पणी नहीं करते हैं. सभी सवाल यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस से किए जाने चाहिए.खुले में सभा न करने की दी थी चेतावनीसुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप अभियान को खुले में कोई भी बड़ी सभा न करने की सलाह दी थी, क्योंकि ऐसे कार्यक्रमों में सुरक्षा एजेंसियों को कंट्रोल करना मुश्किल होता है. ट्रंप अभियान से जुड़े लोगों ने बताया कि एजेंसियों की चेतावनी गंभीर नहीं थी बल्कि एक सलाह के तौर पर थी.ईरान के दूत ने दी प्रतिक्रियाअमेरिका में मौजूद ईरान के दूत ने आरोपों को खारिज किया है. ईरान दूतावास ने कहा, आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं. इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ट्रंप को अपराधी मानता हैं, जिन पर जनरल सुलेमानी की हत्या का आरोप और उन्हें कानून की अदालत में दंडित किया जाना चाहिए. ईरान ने उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है. ईरानी सेना के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर कासिम सुलेमानी को जनवरी 2020 में बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले में मार दिया गया था.