Vikrant Shekhawat : Dec 01, 2021, 02:58 PM
जोहानसबर्ग: दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron Variant) का खतरा बढ़ता जा रहा है. 20 से ज्यादा देशों में नए वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े प्राइवेट टेस्टिंग लैब की हेड ऑफ साइंस रकेल वियना ने 19 नवंबर को कोरोना वायरस मामलों के 8 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की थी, जिसके बाद वह आश्चर्यचकित रह गईं. जिन सैंपल की सीक्वेंसिंग की गई, उनके स्पाइक प्रोटीन में बड़ी संख्या में म्यूटेशन दिखे थे.वियना ने एजेंसी को बताया, “मैं उसे देखकर बिल्कुल आश्चर्यचकित थी. मैंने सवाल किया कि कहीं सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ हुई है.” इसके बाद उन्होंने जोहानिसबर्ग के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीजेज (NICD) में अपने साथी डेनियल एमोको को तुरंत इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता चल रहा था कि उसे इसके बारे में कैसे बताऊं. मुझे लग रहा था कि यह नई लिनिएज है.”विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका ने सबसे पहले 24 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को इस वेरिएंट के बारे में सूचना दी थी. जिसके बाद इसने कई देशों को यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया है. हालांकि मंगलवार को नीदरलैंड के आरआईवीएम स्वास्थ्य संस्थान ने 19 और 23 नवंबर के सैंपल में ‘ओमीक्रॉन’ वेरिएंट के मिलने की जानकारी दी.सुनिश्चित करने के लिए 32 और सैंपल की जांच हुईNICD में डेनियल और उसकी टीम ने 20-21 नवंबर के वीकेंड को वियना द्वारा भेजे गए 8 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करने में बिताए, जिसके बाद उसी तरह के म्यूटेशन का पता चला. उनकी टीम ने भी माना कि यह गलती हो सकती है लेकिन उन्होंने पिछले हफ्तों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर गौर किया और अनुमान लगाया कि यह नए म्यूटेंट के कारण हो सकता है. डेनियल ने कहा, “23 नवंबर तक जोहानिसबर्ग और प्रीटोरिया के आसपास के 32 और सैंपल की जांच के बाद यह साफ हो गया था. यह डरावना था.”23 नवंबर को ही NICD टीम ने दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग और दूसरे लैब को सीक्वेंसिंग करने को लेकर सूचित किया. जिसके बाद इसी तरह के और परिणाम आए. उसी दिन NICD ने डेटा को GISAID ग्लोबल साइंस डेटाबेस में डाला और पाया कि बोत्सवाना और हांगकांग ने भी इस तरह के जीन सीक्वेंस को रिपोर्ट किया है. इसके बाद NICD अधिकारियों ने 24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी जानकारी दी.