Vikrant Shekhawat : Jul 09, 2024, 08:24 AM
Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में टैक्सपेयर्स, खासकर लोअर इनकम कैटेगिरी के लोगों को राहत देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि खपत को बढ़ावा मिल सके. उद्योग जगत के लोगों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को यह सुझाव दिया है. सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं, जो नई सरकार का पहला प्रमुख नीति दस्तावेज होगा. उद्योग जगत ने वित्त मंत्री से कॉरपोरेट टैक्स को कम करने, कर छूट को चरणबद्ध ढंग से खत्म करने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर आधार को व्यापक बनाने का भी आग्रह किया.एसोचैम की डिमांडउद्योग मंडली एसोचैम ने कहा कि अनुपालन में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर प्रणाली को युक्तिसंगत और सरल बनाना चाहिए. कर व्यवस्था को अधिक कुशल और न्यायसंगत बनाने के लिए कॉरपोरेट कर दरों को कम करने, कर छूट को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और कर आधार को व्यापक बनाने जैसे उपायों पर विचार करना चाहिए.इक्रा ने क्या कहा?रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि सरकार 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लक्ष्य के साथ समझौता किए बिना 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.9-5 प्रतिशत तय कर सकती है. इससे पहले एक फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि राजस्व के मोर्चे पर अनुकूल घटनाक्रम वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय स्थिति की दृष्टि से सकारात्मक संकेत देते हैं. इक्रा का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के बाद राजकोषीय मजबूती काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी.लोअर इनकम क्लास को राहतजॉपर इंश्योरटेक के को-फाउंडर और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) मयंक गुप्ता ने कहा कि बजट में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और विशेष रूप से निम्न आय वर्ग को राहत देने वाली नीतियों पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, ताकि खपत को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि बीमा के लिहाज से आयकर अधिनियम की धारा 80सी में संशोधन करना चाहिए, ताकि अधिक व्यक्तियों को बीमा उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इसके अतिरिक्त, नयी कर व्यवस्था के तहत टर्म जीवन बीमा के लिए छूट भी होनी चाहिए.पीएलआई स्कीम का विस्तारडेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने सुझाव दिया कि सरकार को पीएलआई योजनाओं के दायरे का विस्तार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खासकर उन क्षेत्रों के लिए ऐसा करना चाहिए, जो अधिक रोजगार पैदा कर सकते हैं, जैसे कपड़ा, हस्तशिल्प और चमड़ा. मजूमदार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और सेमीकंडक्टर जैसे सफल क्षेत्रों में योजनाएं जारी रहनी चाहिए।किसानों को राहत का सुझावरेलिगेयर फिनवेस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पंकज शर्मा ने उम्मीद जताई कि ब्याज दर सब्सिडी के जरिये वित्तपोषण लागत को कम करने और नीतिगत उपायों से ऋण तक पहुंच को आसान बनाने की जरूरत है. एसोचैम ने किसानों के लिए उत्पादकता, बाजार पहुंच और आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों का भी सुझाव दिया है.