Science / क्या होता है काला चांद, NASA ने जारी की जिसकी तस्वीर

क्या आपने कभी काला चांद देखा है? चांद हमेशा चमकता नहीं रहता। एक समय में वह काला भी दिखता है। लेकिन आप उसे सिर्फ आंखों से नहीं देख सकते। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 अगस्त की रात धरती के एक हिस्से से काले चांद की तस्वीरें ली हैं। चूंकि, हमारे हिस्से में उस समय रोशनी थी इसलिए हम काले चांद यानी ब्लैक मून को नहीं देख पाए।

AajTak : Aug 20, 2020, 06:48 AM
Delhi: क्या आपने कभी काला चांद देखा है? चांद हमेशा चमकता नहीं रहता। एक समय में वह काला भी दिखता है। लेकिन आप उसे सिर्फ आंखों से नहीं देख सकते। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 अगस्त की रात धरती के एक हिस्से से काले चांद की तस्वीरें ली हैं। चूंकि, हमारे हिस्से में उस समय रोशनी थी इसलिए हम काले चांद यानी ब्लैक मून (Black Moon) को नहीं देख पाए।

आमतौर पर ब्लैक मून अंतरिक्ष विज्ञानियों द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला शब्द है। चांद का वो हिस्सा जो हमें नहीं दिखता उसे ब्लैक मून कहते हैं।

पूरी तरह से काला चांद धरती के हर हिस्से से एक बार दिखता है लेकिन ऐसा 32 महीने के अंतर पर होता है। इस बार ये ब्लैक मून 18 अगस्त की रात 10:41 पीएम ईडीटी यानी भारतीय समयानुसार 19 अगस्त की सुबह 8।11 बजे दिखाई दिया था। 

अब अगला ब्लैक मून 30 अप्रैल, 2022 को दिखाई देगा। चांद पूरी तरह से आसमान में समा जाता है। दिखाई नहीं देता। इसे दूसरा नया चांद कहते हैं जो पूरी तरह से काला होने की वजह से नहीं दिखता।

यह खगोलीय घटना बहुत कम ही घटित होती है। इसमें चंद्रमा, धरती और सूर्य के बीच मौजूद होता है। सूर्य की रोशनी चंद्रमा के पिछले हिस्से पर पड़ती है। खगोल विज्ञानियों के अनुसार यह लीप ईयर के समान काम करता है। 

चंद्रमा को अपना एक चक्र पूरा करने में आमतौर पर करीब 29 दिन लगते हैं। लेकिन महीने लंबे होने की वजह से हम कभी—कभी 32 महीनों में दो पूरे चंद्रमा और दो नए चंद्रमा देखते हैं। 

एक महीने में दूसरी पूर्णिमा को नीला चांद कहा जाता है जबकि दूसरे नए चंद्रमा को काला चांद यानी ब्लैक मून कहा जाता है। इसे दूसरे अर्थों में अमावस्या भी कह सकते हैं।