Sunita Williams News / सुनीता विलियम्स की NASA ने कंफर्म की धरती पर वापसी की तारीख, 9 महीने से अंतरिक्ष में फंसी

बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स, जो 9 महीने से ISS पर फंसे थे, 18 मार्च को धरती पर लौटेंगे। बोइंग स्टारलाइनर में खराबी के कारण उनकी वापसी टली थी। नासा ने पुष्टि की है कि वे फ्लोरिडा के तट के पास उतरेंगे। लाइव कवरेज भी किया जाएगा।

Sunita Williams News: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर नौ महीने से फंसे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स आखिरकार धरती पर लौटने वाले हैं। नासा ने उनकी वापसी की तारीख की पुष्टि कर दी है। नासा के अनुसार, दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी मंगलवार, 18 मार्च की शाम को होगी। उन्हें अमेरिका के फ्लोरिडा के तट के निकट समुद्री जलक्षेत्र में उतारने की योजना बनाई गई है।

कैसे फंसे अंतरिक्ष यात्री?

बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। मिशन के तहत उन्हें सिर्फ एक सप्ताह तक ISS में रहना था। हालांकि, उनके यान में तकनीकी खराबी के कारण वे अंतरिक्ष में फंस गए और उनकी वापसी में लगातार देरी होती रही। नासा और बोइंग की टीमों ने कई महीनों तक इस समस्या को हल करने की कोशिश की, लेकिन बार-बार तकनीकी बाधाएं सामने आती रहीं।

वापसी का रास्ता साफ

रविवार, 16 मार्च को स्पेसएक्स का अंतरिक्ष यान ISS पहुंच चुका है, जिससे विलियम्स और विल्मोर की वापसी का रास्ता साफ हो गया। इस अंतरिक्ष यान की मदद से दोनों को सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाया जाएगा। नासा और अन्य विशेषज्ञ इस मिशन पर पूरी नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी संभावित समस्या से बचा जा सके।

लाइव कवरेज होगा प्रसारित

नासा ने पुष्टि की है कि अंतरिक्ष यात्री 18 मार्च को लगभग 5:57 बजे (भारतीय समयानुसार 19 मार्च को 3:27 बजे) फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में उतरेंगे। इस ऐतिहासिक वापसी का सीधा प्रसारण नासा की ओर से किया जाएगा। लाइव कवरेज 17 मार्च की रात 10:45 बजे (भारतीय समयानुसार 18 मार्च की सुबह 8:30 बजे) से शुरू होगा।

निष्कर्ष

यह मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान और अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक साबित हुआ है। ISS पर 9 महीने बिताने के बाद बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी नासा और अंतरिक्ष जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। उनकी यह यात्रा भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों की जटिलताओं को समझने और सुधारने में मदद करेगी।