- भारत,
- 06-Apr-2025 09:43 PM IST
Trump And Elon Musk: अमेरिका इन दिनों एक असामान्य राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। सरकारी नौकरियों में हो रही भारी छंटनी, गिरती अर्थव्यवस्था, और मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे गंभीर मुद्दों ने आम जनता की चिंता बढ़ा दी है। देशभर में इन नीतियों के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। खास बात यह है कि इन विरोधों का केंद्र सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं, बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले अरबपति कारोबारी एलन मस्क भी बन गए हैं।
ट्रंप-मस्क गठजोड़ पर दरार?
एलन मस्क, जो टेस्ला, स्पेस एक्स और न्यूरालिंक जैसी दिग्गज कंपनियों के मालिक हैं, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिसिएंशी (DOGE) के निदेशक बनाए गए थे। माना जा रहा था कि उनकी तकनीकी दक्षता और वैश्विक प्रभाव अमेरिकी प्रशासन को नई दिशा देंगे। लेकिन केवल दो महीने के भीतर ही राष्ट्रपति ट्रंप ने यह ऐलान कर सबको चौंका दिया कि मस्क अब उनके प्रशासन का हिस्सा नहीं रहेंगे।
ट्रंप ने एक बयान में कहा, "मुझे लगता है कि एलन मस्क एक शानदार इंसान हैं, लेकिन उनके पास अपनी विशाल कंपनियों की भी जिम्मेदारी है, और अब समय आ गया है कि वो उसी पर ध्यान दें।"
हालांकि राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि मस्क को हटाने के पीछे सिर्फ उनकी व्यस्तता नहीं, बल्कि ट्रंप की कैबिनेट के भीतर मस्क को लेकर बनी असहजता भी एक कारण है। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया जा रहा है कि ट्रंप सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मस्क की फैसले लेने की शैली से असहमत थे।
जनता की नाराजगी और सड़कों पर प्रदर्शन
देश के भीतर हालात और अधिक गंभीर तब हो गए जब सरकारी कर्मचारियों की छंटनी और सामाजिक कल्याण योजनाओं में कटौती की खबरें सामने आईं। इसके विरोध में अमेरिका के 50 राज्यों में विरोध रैलियां हुईं। न केवल अमेरिका, बल्कि कनाडा और मैक्सिको जैसे पड़ोसी देशों में भी अमेरिकी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन देखे गए।
प्रदर्शनकारियों ने ‘हैंड्स ऑफ’ जैसे नारों के साथ ट्रंप प्रशासन और DOGE प्रमुख एलन मस्क के खिलाफ खुलकर रोष व्यक्त किया। कुछ जगहों पर टेस्ला की कारों को आग के हवाले तक कर दिया गया—जो इस बात का संकेत है कि लोगों की नाराजगी अब कॉर्पोरेट शक्तियों के खिलाफ भी मुखर होती जा रही है।
विदाई के पीछे की असली वजहें
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या एलन मस्क ने खुद इस्तीफा देने का फैसला किया है, या फिर उन्हें मजबूरन प्रशासन से हटाया जा रहा है? ट्रंप द्वारा मस्क को दिया गया ‘स्पेशल गवर्नमेंट एम्प्लॉई’ का दर्जा केवल 130 दिनों के लिए वैध था, जो मई के अंत तक समाप्त हो जाएगा। इसे न बढ़ाने का संकेत ही इस बात को मजबूत करता है कि दोनों के बीच विचारों का टकराव बढ़ चुका है।
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि मस्क की कंपनियों—विशेषकर टेस्ला—की छवि को लेकर बढ़ती आलोचना और आर्थिक घाटे की आशंका ने भी उन्हें वापस अपने कारोबारी दायरे में लौटने को मजबूर किया है।
आगे क्या?
अब जबकि ट्रंप सरकार आर्थिक मोर्चे पर घिरी हुई है, और प्रशासन के भीतर ही दरारें उभर रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप आगे क्या रणनीति अपनाते हैं। एलन मस्क का जाना एक बड़ी रणनीतिक क्षति मानी जा सकती है, लेकिन इससे प्रशासन का भरोसा भी प्रभावित होगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका के राजनीतिक भविष्य को तय करने में अब कॉर्पोरेट शक्तियों और आम जनता के टकराव की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
क्या ट्रंप अकेले पड़ते जा रहे हैं? क्या मस्क की वापसी कभी हो पाएगी? या फिर अमेरिका एक नए युग की ओर बढ़ रहा है जहाँ जनता की आवाज पहले से अधिक ताकतवर साबित हो रही है?