Vikrant Shekhawat : Sep 09, 2023, 12:37 PM
Earthquake In Morocco: अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर रात भूकंप का तेज झटका लगा. 6.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई. करीब 300 लोगों की मौत हुई है. सैकड़ों मकान मलबे में दबे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. भूकंप का केंद्र मोरक्काे के मराकेश शहर से 71 किलोमीटर दूर बताया गया. मोरक्को में भूकंप की यह कोई पहली घटना नहीं है. 2004 में आए भूकंप ने मोरक्को में जो तबाही मचाई वो इतिहास में दर्ज हो गई.19 साल मोरक्को के अल होसिमा में आए भूकंप में 628 लोगों ने जान गंवाई. 926 घायल हुए. सैकड़ों बेघर हुए. सरकार पर मदद न करने के आरोप लगे. जहां भूकंप आया वहां प्रदर्शन हुए.तबाही के बीच लोगों मेंगुस्सा और विरोध प्रदर्शनहालात इस कदर बुरे थे कि तबाही के बीच स्थानीय लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर थे. मदद के लिए मोरोक्को पहुंचे विदेशी मददगारों ने भी सरकार की आलोचना की और उन पर राहत पहुंचाने में लापरवाही की आलोचना की. उस घटना में मोरक्को की सरकार ने 571 लोगों के मरने और 400 से ज्यादा लोगों के घायल होने की पुष्टि की, जबकि आंकड़ा कहीं ज्यादा था. सर्च खत्म होने के बाद यूरोपीय बचावकर्ताओं लोगों को मदद पहुंचानी शुरू की.भूकंप के बाद मची तबाही के बाद जो खबरें आईं वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बनीं. स्थानीय लोग गुस्से में थे. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना था सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही. जहां मदद मिल भी रही थी वो पर्याप्त साबित नहीं हो रही थी.विदेशी मदद के बीच स्थानीय लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति खत्म नहीं हो रहा था. भूकंप से बुरी तरह प्रभावित इम्ज़ोरेन शहर की सड़कों पर सैकड़ों गुस्साए लोगों ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की.एम्बुलेंस तक नहींप्रदर्शनकारियों का कहना था फ्रांस, स्पेन और अमेरिका समेत कई देशों से मदद मिल रही है, लेकिन हमारी सरकार कहां है. मोरक्को अपने लोगों की कितनी मदद कर पा रहा है. भूकंप की एक घटना के बाद दो बार और झटके लग चुके हैं. सरकार के लोग जानते हैं कि यह क्षेत्र भूकंप के खतरे वाले हिस्से में है, इसके बावजूद यहां एम्बुलेंस तक नहीं है.मोरक्को में भूकंप के बाद बिगड़े हालात अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बने थे और सरकार की किरकिरी भी हुई थी. अब एक बार फिर मोरक्को में भूकंप ने तबाही मचाई है.मदद के लिए शुरू हुआ अभियानमोरक्को के लोगों की मदद के लिए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटीज ने मिलकर फंडिंग के लिए अभियान शुरू किया था. 2.3 बिलियन डॉलर की फंडिंग इकट्ठा करने के लिए यह अभियान चलाया गया. फंडिंग से आए पैसों का लक्ष्य पीड़ितों के लिए टेंट, कम्बल, हीटर्स, चटाई और खाना जुटाना था.