Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2024, 06:20 PM
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी, भारतीय धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में उल्लास और श्रद्धा के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है, उनके स्वागत के लिए पूरे देश में भव्य तैयारी की जाती है।गणेश चतुर्थी का महत्व और पूजा विधिगणेश चतुर्थी के दिन, भक्त गणेश जी की प्रतिमा को घरों, मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित करते हैं। इस विशेष दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने के लिए गणेश जी की मूर्ति को मोदक, लड्डू और फूल अर्पित किए जाते हैं। गणेश पूजा में मंत्रोच्चार, गणपति स्तोत्र और भजन भी गाए जाते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है और विघ्नों का नाश होता है।गणेश चतुर्थी 2024: शुभ मुहूर्तगणेश चतुर्थी 2024 का पर्व 6 सितंबर को दोपहर 03:01 बजे से प्रारंभ होगा और 7 सितंबर को शाम 05:37 बजे तक चलेगा। इस अवसर पर गणेश मूर्ति स्थापना के लिए 7 सितंबर को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक का शुभ मुहूर्त रहेगा, जो कि 2 घंटे 31 मिनट की अवधि के लिए है। यह समय भक्तों को गणेश जी की पूजा और प्रतिमा की स्थापना के लिए सौभाग्यशाली माना जाता है।गणेश विसर्जन और अन्य महत्वपूर्ण तिथियांगणेश चतुर्थी के पर्व की समाप्ति अनंत चतुर्दशी के दिन होती है, जब गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस वर्ष गणेश विसर्जन मंगलवार, 17 सितंबर 2024 को होगा। विसर्जन के दिन, भक्त गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित करने के साथ-साथ नाचते-गाते और "गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ..." के जयकारे लगाते हैं। विसर्जन के दिन वर्जित चन्द्रदर्शन का समय 03:01 पी.एम. से 08:16 पी.एम. तक रहेगा, जबकि सुबह 09:30 ए.एम. से 08:45 पी.एम. तक वर्जित चन्द्रदर्शन का समय रहेगा।एकता और उत्साह का प्रतीकगणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में विशेषकर महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भक्तों के दिलों में एकजुटता, उत्साह और भक्ति का संदेश देता है। गणेश जी के स्वागत के लिए की जाने वाली तैयारियां और विसर्जन के समय का उल्लास, पूरे समाज में आनंद और एकता की भावना को बढ़ाता है।गणेश चतुर्थी का पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में समृद्धि और सुख को आकर्षित कर सकते हैं।(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zoom News इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)