देश / रेप पीड़िता की मां भीड़ के बीच से जब न्‍याय की मांग करने लगी तो, प्रियंका गांधी ने रोका भाषण सुनी तकलीफ

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा के पालीखेड़ा गाँव में एक सभा को संबोधित किया, लेकिन इस दौरान उन्हें एक बलात्कार पीड़िता की माँ भीड़ के बीच में आने पर अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा। उसने मांग के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी। वहां, लगभग दर्जन भर लोगों ने तख्तियां दिखाते हुए राजस्थान (राजस्थान) की एक लड़की को राजस्थान सरकार से न्याय दिलाने की माँग की थी।

Vikrant Shekhawat : Feb 24, 2021, 08:53 AM
मथुरा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा के पालीखेड़ा गाँव में एक सभा को संबोधित किया, लेकिन इस दौरान उन्हें एक बलात्कार पीड़िता की माँ भीड़ के बीच में आने पर अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा। उसने मांग के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी। वहां, लगभग दर्जन भर लोगों ने तख्तियां दिखाते हुए राजस्थान (राजस्थान) की एक लड़की को राजस्थान सरकार से न्याय दिलाने की माँग की थी।

इस पर, जब सुरक्षाकर्मी और कांग्रेस कार्यकर्ता न्याय मांगने के लिए इन लोगों को शांत करने के लिए आगे बढ़े, तो प्रियंका गांधी ने खुद उन्हें मंच से रोक दिया और तुरंत माइक छोड़कर नीचे आ गईं। फिर हाथों में तख्तियां थामे और पीड़ित की मां से मिले। इसके साथ ही नारेबाजी कर रहे कुछ अन्य लड़कों और लड़कियों ने भी प्रियंका गांधी को पूरी समस्या बताई। इस पर, प्रियंका गांधी ने उसी समय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की और मामले की जानकारी ली और लड़की को न्याय दिलाने के लिए कहा।

कांग्रेस नेता ने पीड़िता के परिवार से न्याय की मांग की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हो गया और कांग्रेस नेता इसे संबोधित करने के लिए मंच पर वापस चले गए। इसके बाद, राजस्थान पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर जिले के जुरहरा थाना क्षेत्र में पिछले साल दर्ज बलात्कार मामले में पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस से रिपोर्ट का अनुरोध करने के बाद कार्रवाई के लिए आवश्यक निर्देश दिए। भरतपुर के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई ने कहा कि पीड़ित के परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन्हें डराया जा रहा था, इसलिए मंगलवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई। पिछले साल अप्रैल में जुरहरा थाने में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था।

उधर, आरोपी के परिवार के सदस्यों ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात की है और प्राथमिकी में दर्ज मामले को झूठा बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में दर्ज शिकायत और पीड़ित के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों में विरोधाभास है।