Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2022, 09:34 PM
नई दिल्ली: आप में कई लोगों ने अक्सर प्लेन का सफर किया होगा और वहां विंडो सीट लेने के लिए सभी उत्साहित रहते हैं ताकि उड़ते हवाई जहाज से बाहर का नजारा देख सकें. हवाई यात्रा के दौरान मुसाफिरों को केबिन क्रू की ओर से सेफ्टी गाइडलाइन भी बताई जाती है. लेकिन कभी प्लेन में आपने विंडो को गौर से देखा है, इसके नीचे एक छोटा स छेद होता है जो काफी अहम है.यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरीअगर आपने हवाई यात्रा के दौरान अब तक विंडो के इस छेद पर नजर नहीं दौड़ाई तो अगली आप ऐसा जरूर कर सकते हैं. लेकिन हम आपको इस छोटे से छेद का पड़ा महत्व बताने जा रहे हैं. 'डेली स्टार' की खबर के मुताबिक प्लेन की विंडो में छेद की बात शायद किसी को डरा भी सकती है लेकिन इसका खास रोल है जो सीधे आपकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.हजारों फुट की ऊंचाई पर उड़ने वाले प्लेन का हर पुर्जा बहुत ही सावधानी और सुरक्षा के साथ डिजायन किया जाता है. आसमान में ऑक्सीजन और एयर प्रेशर बेहद कम होता है. ऐसे में प्लेन की विंडो को तैयार करते वक्त भी खास सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है. विंडो के इस छेद से किसी भी तरह का खतरा नहीं होता है.एयर प्रेशर को करता है मेंटेनउड़ान के दौरान बाहर का एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है लेकिन अंदर यात्रियों के लिए एयर प्रेशर को हाई रखना होता है ताकि वह आसानी से सांस ले सकें. बाहर और अंदर के एयर प्रेशर में अंतर की वजह से प्लेन की खिड़की पर काफी दबाव रहता है और यही वजह है कि इसमें तीन लेयर के ग्लास लगाए जाते हैं. ऐसा करने से किसी भी स्थिति में यह खिड़की टूटने से सुरक्षित रह सकती है.विंडो पर नजर आने वाले इस छोटे से छेद को ब्लीड होल कहा जाता है जो बीच वाली लेयर पर होता है. यह होल बाहर और अंदर वाली कांच की लेयर पर बनने वाले एयर प्रेशर को मेंटेन रखता है. इस होल के जरिए ही बाहरी कांच पर ज्यादा प्रेशर नहीं बनता. अंदर वाले कांच से सीधे आप इस होल को छू नहीं सकते बल्कि सिर्फ देख सकते हैं. इस होल की मदद से भाप भी विंडो के कांच पर नहीं जम पाती है. विंडो में होल न होने की स्थिति में एयर प्रेशर में भारी अंतर की वजह से शीशा टूट भी सकता है. ऐसे में उड़ान के दौरान यात्रियों की जान आफत में आ सकती है. यही वजह है कि विंडो के शीशे कुछ इस तरह डिजायन किए गए हैं ताकि वह एयर प्रेशर को झेल सकें.