PM Modi Brunei Tour / प्रधानमंत्री मोदी का ब्रुनेई दौरा क्यों है खास, किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-4 सितंबर को ब्रुनेई के दौरे पर रहेंगे, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है। इसके बाद, मोदी सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा करना है।

Vikrant Shekhawat : Sep 03, 2024, 07:00 AM
PM Modi Brunei Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 और 4 सितंबर को ब्रुनेई का दौरा करेंगे, जो भारतीय प्रधानमंत्री का पहला यात्रा है। यह दौरा भारत और ब्रुनेई के 40 वर्षों की डिप्लोमेटिक संबंधों की सालगिरह के मौके पर हो रहा है। विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार के अनुसार, मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर यात्रा कर रहे हैं और इसके बाद सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर, पीएम मोदी 4 और 5 सितंबर को सिंगापुर की यात्रा करेंगे।

मोदी की यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रोद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। ब्रुनेई और सिंगापुर के साथ म्यांमार की स्थिति पर भी चर्चा की संभावना है। भारत और ब्रुनेई के बीच हाल ही में 286.2 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है, और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

भारत-ब्रुनेई के मजबूत संबंध

मजूमदार ने कहा कि भारत और ब्रुनेई रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रोद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में आपसी साझेदारी से काम कर रहे हैं. पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान ब्रुनेई के साथ द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के सभी पहलुओं पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे.

MEA ने बताया कि ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया ने प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है, दोनों देशों के बीच काफी मजबूत संबंध रहे हैं. इससे पहले सुल्तान हाजी हसनल 1992 और 2008 में भारत का राजकीय दौरा किया था. उन्होंने साल 2012 और 2018 में ASEAN इंडिया समिट में भी हिस्सा लिया और वह 2018 में गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि भी रह चुके हैं.

किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ब्रुनई और सिंगापुर के साथ म्यांमार के हालात पर भी चर्चा हो सकती है. जयदीप मजूमदार ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अक्सर पड़ोसी देशों और उनके हालातों को लेकर चर्चा होती रहती है. मजूमदार ने कहा है कि सिंगापुर और ब्रुनेई आसियान देशों का हिस्सा हैं और उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी की ब्रुनेई और सिंगापुर यात्रा के दौरान म्यांमार की स्थिति पर चर्चा होगी.

मजूमदार ने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी मजबूत हैं, दोनों देश कई क्षेत्रों में जैसे-रक्षा, व्यापार और निवेश, एनर्जी, स्पेस, टेक्नोलॉजी और हेल्थ में आपसी साझेदारी से काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्रुनेई दौरे में प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर होगा. वहीं प्रधानमंत्री उन नए क्षेत्रों को पर भी चर्चा करेंगे जहां दोनों देशों के बीच सहयोग किया जा सकता है.

रक्षा समेत कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साझेदार

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बीच भारत और ब्रुनेई के बीच 286.2 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है. दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण स्तंभ है. MEA के मुताबिक दोनों देशों ने 2016 में रक्षा क्षेत्र से जुड़े एक MoU पर हस्ताक्षर किए थे और इसे 2021 में इसे 5 साल के लिए रिन्यू किया गया. विदेश मंत्रालय का कहना है कि ब्रुनेई, भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो पैसिफिक के विजन के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. लिहाज़ा प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है.