Vikrant Shekhawat : May 20, 2023, 01:42 PM
PM Modi in G7 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान में हैं. सम्मेलन से पहले पीएम अलग से बैठकें कर रहे हैं. इस दरमियान प्रधानमंत्री ने एक जापानी नागरिक डॉक्टर तोमियो मिज़ोकामी से मुलाकात की. डॉक्टर तोमियो पेशे से एक लेखक हैं. वह हिंदी और पंजाबी भाषा के अच्छे जानकार हैं. उन्हें भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाकर भारत और जापान के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने का श्रेय दिया जाता है. जी7 शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात में डॉक्टर तोमियो ने जापान में विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित करने का अनुरोध किया. उनका जन्म जापानी शहर कोबे में हुआ था, जहां तब बड़ी भारतीय आबादी रहती थी. भारतीय हिंदी बोला करते थे और इसी का उनपर प्रभाव पड़ा. वह हिंदी भाषा सीखने के लिए उत्सुक हो उठे. उन्होंने बताया कि वह पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के प्रशंसक थे.नेहरू के प्रशंसक हैं मिज़ोकामीडॉक्टर तोमियो मिज़ोकामी ने बताया कि वह नेहरू से काफी प्रभावित थे. अपने बचपन का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि नेहरू का उस समय एक महत्वपूर्ण वैश्विक प्रभाव था. वह गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापकों में एक थे. वह बताते हैं कि “हम जैसे युवा के लिए नेहरू एक प्रेरणा थे, जो शांति और स्थिरता चाहते थे.”‘पद्म श्री’ पुरस्कार से सम्मानित हैं मिज़ोकामीओसाका विश्वविद्यालय के डॉक्टर तोमियो मिज़ोकामी को साहित्य और शिक्षा में उनके योगदान के लिए 2018 में प्रतिष्ठित ‘पद्म श्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया था. इससे पहले 2001 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘हिंदी रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था.इलाहाबाद में की हिंदी की पढ़ाई1941 में जन्मे डॉक्टर मिज़ोकामा ने भारत और जापान में हिंदी के अध्ययन के लिए लंबा समय बिताया. 81 वर्षीय मिज़ोकामा ग्रेजुएशन के बाद 1965 से 1968 तक इलाहाबाद में हिंदी का अध्ययन किया. इस दौरान उन्होंमे पंजाबी और बंगाली शिक्षा भी हासिल की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में जापानी चित्रकार हिरोको ताकायामा से भी मुलाकात की. वह 42 साल पहले भारत आईं थीं. वह बताती हैं कि वह भारतीयों के जज्बे से काफी प्रभावित रहीं.पीएम मोदी से आकर गले मिले बाइडनअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर विश्व के अन्य ताकतवर नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायल नजर आ रहे हैं। जी-7 की बैठक के दौरान उस वक्त चीन को चक्कर आ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पीएम मोदी को ढूंढ़ते हुए उनके पास तक आए और गले मिलकर गए। यह देखकर पड़ोसी पाकिस्तान भी सहम गया है। बता दें कि भारत जी-7 में बतौर आमंत्रित सदस्य शामिल हुआ है। इस दौरान भारत जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर जी-7 में हिस्सा ले रहा है। ऐसे में भारत की धमक और भी बढ़ जाती है। जी-20 का अध्यक्ष होने के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 के मंच से भाषण भी देंगे। पीएम मोदी की इस स्पीच पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की भी हिस्सा लेने पहुंच गए हैं। ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रुख पर दुनिया की निगाह है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी जापान में दिए एक साक्षात्कार में सुबह ही रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है कि वह विवादों को सुलझाने और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित लोगों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए बातचीत और कूटनीति की वकालत करता है। भारत आक्रमण की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों से दूर रहा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।