दुनिया / महिला का पूर्वजन्म में मुर्गी होने का दावा, डॉक्टरों ने बताया मनोविकार

बेल्जियम की एक महिला ने दावा किया है कि वह पूर्वजन्म में एक मुर्गी थी। इतना ही नहीं, उसने घर के पास स्थित बागीचे में मुर्गी जैसा फुदककर चलना भी शुरू कर दिया। जिसके बाद से महिला के परिवारवालों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, महिला गंभीर मानसिक विकार से जूझ रही है। ऐसे में उसका अपने दिमाग पर कोई काबू नहीं है।

NavBharat Times : Jul 30, 2020, 09:17 AM
ब्रसेल्स: बेल्जियम की एक महिला ने दावा किया है कि वह पूर्वजन्म में एक मुर्गी थी। इतना ही नहीं, उसने घर के पास स्थित बागीचे में मुर्गी जैसा फुदककर चलना भी शुरू कर दिया। जिसके बाद से महिला के परिवारवालों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, महिला गंभीर मानसिक विकार से जूझ रही है। ऐसे में उसका अपने दिमाग पर कोई काबू नहीं है।

सदमे के कारण दिमाग पर पड़ा असर

54 साल की इस विवाहित महिला का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि महिला एक फार्मेसी में नौकरी करती थी। परिवार के एक सदस्य की मौत के बाद उसे अचानक ऐसे दौरे आने शुरू हो गए। कहा जा रहा है कि इस महिला का नशीली दवाओं और शराब से भी कोई संबंध नहीं है।


बागीचे में मुर्गी की तरह फुदक रही थी महिला

रिपोर्ट के अनुसार, महिला को उसके भाई ने पास के बागीचे में मुर्गी की तरह फुदकते हुए और बाग देते हुए पाया। जिसके बाद से उसने महिला को जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती करवाया। महिला ने डॉक्टरों को बताया कि उसे बागीचे में जाने के बाद लगा कि वह एक मुर्गी है और उसे पैरों में भी अजीब सनसनी महसूस हुई।


1850 से ऐसे 56 उदाहरण

मनोचिकित्सकों के अनुसार, इंसानों को खुद को जानवर बताने की घटना को ज़ोन्थ्रॉपी (zoanthropy) कहा जाता है। ऐसे में मरीज अपने अनुभव के बारे में भी कुछ नहीं बता पाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, 1850 और 2012 के बीच चिकित्सा जगत में 56 ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जिसमें मरीजों ने खुद को कुत्ता, शेर, बाघ, लकड़बग्घा, शार्क, मगरमच्छ, मेंढक, गोजातीय, बिल्ली, हंस, गैंडा, खरगोश, घोड़ा , सांप, पक्षी, जंगली सूअर, गेरबिल और मधुमक्खी बताया है।


मनोविकार हैं ऐसे विचार

शोधकर्ताओं के अनुसार, इंसानों में ऐसे लक्षण कुछ घंटे से लेकर कुछ दिनों तक रह सकते हैं। इस तरह का भ्रम होने एक दुर्लभ बीमारी है जो बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। वैज्ञानिकों ने इसे मनोविकार का नाम दिया है।