उतर प्रदेश / महिला ने IVF से एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है। यूपी में नई जनसंख्या नीति जारी होने के एक दिन बाद ही महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। डॉक्टरों ने बताया कि मां और चारों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन बच्चों का जन्म IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक से हुआ है।

Vikrant Shekhawat : Jul 13, 2021, 06:51 AM
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है। यूपी में नई जनसंख्या नीति जारी होने के एक दिन बाद ही महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। डॉक्टरों ने बताया कि मां और चारों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन बच्चों का जन्म IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक से हुआ है। बता दें, इस प्रक्रिया का प्रयोग पहली बार 1978 में इंग्लैंड में हुआ था। डॉक्टर शशि अरोड़ा और डॉक्टर सचिन दुबे की देख-रेख में महिला का सफल ऑपरेशन हुआ। चार बच्चों में एक लड़की और तीन लड़के हैं।

पिछले कुछ सालों में देश में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का चलन बढ़ा है। जो लोग प्राकृतिक तरीके बच्चा पैदा नहीं कर पाते। ऐसे लोग विट्रो फर्टिलाइजेशन नाम की तकनीक से माता-पिता का सुख लेते हैं। दुनिया में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी 1978 में ब्रिटेन में पैदा हुआ था। 

IVF ट्रीटमेंट में लेबोरेटरी में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। इस तरह महिला गर्भवती होकर बच्चे को जन्म देती है। 

डॉक्टर शशि अरोड़ा का कहना है कि यह दंपति पिछले काफी सालों से संतान के लिए परेशान था। महिला के बच्चे नहीं हो रहे थे और उसका इलाज किया जा रहा था। इलाज के दो साल बाद महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। महिला और उसका परिवार एक साथ चार बच्चों के जन्म से बेहद खुश हैं।

यूपी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, 2 से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। ऐसे में जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। हालांकि, ये प्रस्ताव अभी कानून के रूप में लागू नहीं हुआ है।