विशेष / विश्व शिक्षक दिवस 2019: 1994 में पहली बार मनाया गया, जानिए क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय टीचर्स डे हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है. . शिक्षक दिवस दुनिया भर के देशों में अलग अलग दिन मनाया जाता है. लेकिन यूनेस्को की सिफारिशों को 1966 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकारने के बाद 1994 में पहली बार विश्व शिक्षक दिवस मनाया गया. भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है. चीन में 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. थाइलैंड में हर साल 16 जनवरी को मनाया जाता है.

NDTV : Oct 05, 2019, 01:46 PM
World Teachers' Day 2019 | अंतर्राष्ट्रीय टीचर्स डे (International Teachers Day) हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है. विश्व शिक्षक दिवस 2019 की थीम (World Teachers Day Theme)  ‘युवा शिक्षक : शिक्षा क्षेत्र का भविष्य' (“Young Teachers: The Future of the Profession”) रखी गई है. शिक्षक दिवस दुनिया भर के देशों में अलग अलग दिन मनाया जाता है. लेकिन यूनेस्को की सिफारिशों को 1966 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकारने के बाद 1994 में पहली बार विश्व शिक्षक दिवस मनाया गया. यूनेस्को की सिफारिशों में शिक्षकों के अधिकारों और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में उल्लेख करने के साथ-साथ उनकी प्रारंभिक तैयारी और आगे की शिक्षा, भर्ती, रोजगार, शिक्षण तथा अधिगम की स्थिति और शर्तें निर्धारित की गई थी. विश्व शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है. इस दिन स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों (Teachers) के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करते हैं. 

अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस 

अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता हैं. भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है. चीन में 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. अमेरिका में मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस सेलीब्रेट किया जाता है. वहीं, थाइलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है. 

भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस

भारत में शिक्षक दिवस भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन पर 5 सितंबर को मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, स्कॉलर और राजनेता थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.