बिज़नेस / रेस्टोरेंट संगठन ने कहा- ऑर्डर्स पर छूट देने के लिए दबाव बनाते हैं ज़ोमैटो और स्विगी

एनआरएआई ने स्विगी और ज़ोमैटो के खिलाफ सीसीआई को दी गई अतिरिक्त सूचना में कहा है कि दोनों कंपनियां छूट देने के लिए रेस्टोरेंट्स पर दबाव बनाती हैं। एनआरएआई के अनुसार, 2020-21 में दोनों ने ऑर्डर मूल्य पर 25%-35% कमीशन लिया। बकौल एनआरएआई, ऑर्डर्स की कीमत समान रखने पर वे रेस्टोरेंट्स को ऐप से हटाने की धमकी देते हैं।

Vikrant Shekhawat : Jul 13, 2021, 09:32 AM
नयी दिल्ली: नेशनल रेस्टुरेंट एसोसएिशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने सोमवार को कहा कि उसने खाना आर्डर देने के डिजिटल मंच जोमैटो और स्विगी के खिलाफ गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप को लेकर अतिरिक्त सूचना भारतीय प्रतिस्पर्धा अयोग (सीसीआई) के पास जमा की है। इससे पहले, पांच जुलाई को एसोसिएशन ने कहा था कि जोमैटो और स्विगी की गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों से रेस्तरां के हित प्रभावित हो रहे हैं। इसी को ध्यान में रखकर उसने एक जुलाई को सीसीआई के समक्ष आवेदन दिया। एनआरएआई ने अतिरिक्त सूचना में आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी ने 2020-21 में आर्डर मूल्य का 25 से 35 प्रतिशत कमीशन लिये। साथ ही कई ऐसे उदाहरण हैं, जब दोनों डिजिटल कंपनियों ने भुगतान में देरी की। 

इससे भागीदारों के नकदी प्रवाह पर असर पड़ा है। संगठन के अनुसार, ‘‘जोमैटो और स्विगी अपने मंचों पर रेस्तरां के नाम बेहतर तरीके से दिखाने को लेकर छूट देने का दबाव बनाते हैं। इन दोनों ने पूरी लागत का बोझ रेस्तरां पर डाल दिया है।’’ एनआरएआई ने कहा कि जोमैटो और स्विगी चेतावनी देते हैं कि अगर उन्होंने एक जैसी कीमत रखी तो संबंधित रेस्तरां के नाम अपने मंच से हटा देंगे। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें कुछ भागीदारों को मंच से हटा दिया गया है क्योंकि उन्होंने अन्य चैनलों पर उपभोक्ताओं को कुछ बेहतर दरों की पेशकश की है। इस बारे में जोमैटो और स्विगी को ई-मेल भेजकर उनकी टिप्पणियां मांगी गयी, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।