बिज़नेस / केंद्र ने एलआईसी के आईपीओ के लिए 10 बैंकों का किया चयन: रिपोर्ट्स

रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र ने एलआईसी के आईपीओ के लिए गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स समेत 10 इन्वेस्टमेंट बैंकों का चयन किया है। बतौर रिपोर्ट्स, जेएम फाइनेंशियल, बोफा सिक्योरिटीज़, ऐक्सिस कैपिटल, नोमुरा, जेपी मॉर्गन इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज़ और कोटक महिंद्रा अन्य बैंक हैं। केंद्र को एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से ₹80,000 करोड़-₹90,000 करोड़ जुटाने की उम्मीद है।

Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2021, 07:45 AM
LIC IPO Big News Today: केंद्र सरकार ने एलआईसी के आईपीओ प्रबंधन करने के लिए 10 मर्चेंट बैंकों का चयन कर लिया है. देश के इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बिक्री कहे जाने वाले एलआईसी के आईपीओ का मैनेजमेंट इन्हीं चयनित 10 बैंकों के माध्यम से किया जा सकेगा. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.

बता दें कि इस दौड़ में 16 मर्चेंट बैंकर शामिल थे. सभी बैंकों ने 24 और 25 अगस्त को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष अपना प्रेजेंटेशन दिया था. प्रेजेंटेशन और अन्य योग्यताओं के आधार पर 16 में से 10 बैंकों का चयन किया गया.

किन बैंकों का हुआ चयन?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चयनित 10 बैंकों में गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप, कोटक महिंद्रा और एसबीआई कैप्स (Goldman Sachs, Citigroup, Kotak Mahindra and SBI Caps) शामिल हैं. इनके अलावा जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल, नोमुरा, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज बैंक (JM Financial Ltd, Axis Capital, Nomura, BofA Securities, J.P. Morgan India Pvt Ltd, ICICI Securities) एलआईसी के आईपीओ मैनेजमेंट के लिए च​यनित किए गए हैं.

बता दें कि इस रेस में इनमें से 7 ग्लोबल और 9 घरेलू यानी कुल 16 बैंक/फाइनेंस कंपनियां शामिल थी. दीपम ने 15 जुलाई को एलआईसी के आईपीओ के लिए मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. प्रस्ताव जमा कराने की अंतिम तारीख पांच अगस्त थी. सभी 16 आवेदक बैंकों की ओर से दीपम (Department of Investment and Public Asset Management) के अधिकारियों के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया था, जिसके आधार पर बैंकों का चयन हुआ है.

मंगलवार और बुधवार को बैंकों ने दिया था प्रेजेंटेशन

दीपम के सर्कुलर के अनुसार, बीएनपी परिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और डीएसपी मेरिल लिंच (अब बोफा सिक्योरिटीज) सहित सात अंतरराष्ट्रीय बैंकर्स ने मंगलवार को प्रेजेंटेशन दिया. अन्य बैंकर्स में गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), जेपी मॉर्गन इंडिया, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) शामिल थे.

वहीं, बुधवार को नौ घरेलू बैंक की ओर से दीपम के अधिकारियों के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया गया. इनमें एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड और यस सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड शामिल थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार एक साथ एयर इंडिया और बीपीसीएल जैसी कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश कर रही है. एलआईसी के आईपीओ की लॉन्चिंग से पहले केंद्र सरकार कम से कम तीन सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेश लेनदेन को पूरा करने पर भी विचार कर रही है.

एलआईसी में एफडीआई पर विचार

LIC का IPO लॉन्च करने से पहले सरकार एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिये कंपनी का रुतबा और बढ़ाने का प्रयास कर रही है. एफडीआई की अनुमति दिए जाने के बाद विदेशी निवेशकों को कंपनी के प्रस्तावित मेगा आईपीओ में भाग लेने में मदद मिलेगी. इस प्रस्ताव पर वित्तीय सेवा विभाग और दीपम के बीच चर्चा चल रही है.

सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों से इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. इस पर कई मंत्रालयों के बीच चर्चा होगी और कैबिनेट की मंजूरी भी जरूरी होगी. बता दें कि मौजूदा FDI Policy के मुताबिक बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है. लेकिन भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर ये नियम लागू नहीं होते है. एलआईसी का अलग एलआईसी कानून है.